आज होनेवाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रेली के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गृह जिले श्री मुक्तसर साहिब के मलोट में किसान कल्याण रैली स्थल पर सुरक्षा बेहद कड़ी है और भारी संख्या में पुलिस जवान तैनात है। रैली स्थल को सुंदर तरीके क सजाया गया है।
रैली को लेकर शहर की अनाज मंडी में स्टेज सजकर तैयार है। रैली का समय 11 बजे से एक बजे तक रखा गया है। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मलोट शहर पुलिस छावनी में तबदील हो गया है। सुरक्षा की सारी कमान एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर हरदीप सिंह ढिल्लों के हाथों में है। रैली के लिए चार आईजी, सात एसएसपी समेत पांच हजार पुलिस जवानों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। मलोट शहर में भी मंगलवार को बीएसएफ के जवान जगह-जगह चेकिंग करते नजर आए।
प्रधानमंत्री ने जिस मंच से किसानों को संबोधित करना है वह 44 गुणा 24 फीट में तैयार किया गया है। इस मंच पर सिर्फ आठ कुर्सियां लगाई जाएंगी जिन पर दिग्गज नेता ही विराजमान होंगे।रैली को लेकर पिछले तीन-चार दिनों से शिअद-भाजपा के आला नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल समेत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक भी रैली स्थल का जायजा लिया।
रैली में बादल परिवार समेत केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला, प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक, अविनाश राय खन्ना का आना तय है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के आने की भी संभावना है।
भाजपा नेताओं ने की बैठक
मंगलवार को भी मुक्तसर में भाजपा नेताओं ने बैठक कर रैली की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। मलोट में रैली स्थल पर देर शाम तक गहमागहमी रही। कर्मचारी वहां खड़ी बसों व अन्य सामान को शिफ्ट करने में लगे हुए थे। भाजपा कार्यकर्ता झंडियां लगाने की तैयारी में जुटे हुए थे।
सुखबीर, मजीठिया व हरसिमरत ने लिया जायजा
शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल, महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार शाम को 25 मिनट तक रैली स्थल का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर मौजूद शिअद नेताओं को पंडाल में कुछ सुधार करने को कहा।
बारिश न डाल दे खलल
मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को बारिश हो सकती है। शहर में यह चर्चा भी रही कि कहीं बादल परिवार की मेहनत पर बादल यानी बारिश पानी न फेर दे।