ग्वालियर। भिण्ड जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक वाय. के. सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने धोखाधडी का अपराध दर्ज कर उनकी गिरतारी के प्रयास शुरु कर दिये है।
नगर पुलिस अधीक्षक केडी सोनकिया ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक वाय. के. सिंह ने दस्तावेजों की कूटरचना करते हुये बेईमानी पूर्वक एवं छल पूर्वक बैंक के संचालक मण्डल के ठहराव 12 मई 2010 को स्वयं द्वारा प्रमाणित करके विधि विरुद्ध तरीके से शीर्ष बैंक और नावार्ड बैंक भोपाल को भेजा जिससे बैंक में उनकी प्रतिनियुक्ति तीन वर्ष के लिये अबैध रुप से हो गई। जबकि बैंक के प्रबंधक को संचालक मण्डल के प्रस्ताव को प्रमाणित करने का कोई अधिकार नहीं था क्योकि बैंक के संचालक मण्डल को धारा 53 (10) मध्यप्रदेश सहकारी अधिनियम के तहत नोटिस दिये जाने के कारण विधि अनुसार केवल कलेक्टर व पर्यवेक्षक अधिकारी के अनुमोदन उपरांत ही बैंक संचालक मण्डल का ठहराव प्रस्ताव शीर्ष बैंक व नावार्ड को भेजा जा सकता था। संयुक्त आयुक्त चंबल संभाग ने 8 नबम्वर 2012 के पत्र में यह आदेश दिया था कि वायके सिंह ने अपैक्स बैंक व नावार्ड को गलत जानकारी भेजकर गुमराह करके बैंक के साथ धोखाधडी की है। इसलिये उनके विरुद्ध धारा 420, 467 भादवि के तहत एफआईआर दर्ज कराकर उन्हें बैंक के प्रबंधक पद से तत्काल मुक्त किया जावें। लेकिन इस आदेश के उपरांत भी भिण्ड कलेक्टर ने आरोपी महाप्रबंधक वायके सिंह के विरुद्ध एफआईआर नहीं लिखाई।
सोनकिया ने बताया कि आरोपी वायके सिंह के विरुद्ध उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में सक्षम अधिकारियों को आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये दायर की गई रिट पिटीशन में 30 जनवरी 2013 को पारित आदेश में बैंक के प्रशासक, जिला कलेक्टर अखिलेश श्रीवास्तव को आदेश दिया गया कि वे आरोपी के खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाही करें। इसके बाद भी प्रशासक, कलेक्टर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर परिवादी गंगासिंह ने 7 फरवरी 2013 को चंबल सम्भाग के आयुक्त मुरैना शिवानंद दुबे और भिण्ड कलेक्टर अखिलेश श्रीवास्तव को फिर से आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के लिये आवेदन पेश किये, पर उन्हें अनसुना कर दिया गया। बाद में स्थानीय सक्षम न्यायालय ने आवेदन पेश किया गया जिस पर न्यायालय ने 28 फरवरी 2013 को शहर कोतवाली पुलिस को आरोपी बैंक के महाप्रबंधक वायके सिंह के खिलाफ उक्त अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान की कार्यवाही शुरु करने के लिये आदेश मिलने पर उनके खिलाफ धोखाधडी का अपराध पंजीवद्ध कर उनकी गिरतारी के प्रयास किये जा रहे है। वायके सिंह फरार है पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
सोनकिया ने बताया कि पुलिस ने यह कार्यवाही 28 फरवरी 2013 को भिण्ड जिले के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी आरआर बडौदिया के न्यायालय द्वारा ग्राम बक्सीपुराएवं कुषक गंगासिंह, किसान रामकुमार कौरव के परिवाद पर से दिये गये आदेश के बाद की गई है।

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