प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों की दृढ़ता से निंदा की है। उन्होंने कहा कि ‘यह अफगानिस्तान के बहुसांस्कृतिक सोच पर हमला है। मोदी ने कहा कि मैं शोकग्रस्त परिवारों के साथ हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाए। ‘
उन्होंने कहा कि ‘भारत इस दुखद क्षण में अफगानिस्तान सरकार की सहायता के लिए तैयार है।’ बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को सिखों व हिंदुओं को ले जा रही बस पर आत्मघाती हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हैं। सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता ने हमले में 17 सिख व हिंदुओं के मरने की पुष्टि की है।
इनमें प्रमुख सिख नेता अवतार सिंह खालसा भी शामिल हैं। वह अक्टूबर में प्रस्तावित संसदीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। अधिकारियों ने मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका जताई है। नांगरहार प्रांत के पुलिस प्रमुख गुलाम सनाई स्तानेकजई ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने एक बस में विस्फोट कर दिया। बस पर सवार लोग राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने जा रहे थे। इनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक सिख व हिंदू थे।
स्तानेकजई के अनुसार, आत्मघाती हमले में अधिकतर सिखों की मौत हुई है। काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। हमले में अवतार सिंह खालसा के पुत्र नरेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमला उनके काफिले को लक्ष्य बनाकर किया गया था। नांगरहार प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि इस हमले से कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रपति ने जलालाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन किया था।
हमला इतना जबरदस्त था कि धुएं के गुबार से पूरे मुखाबेरात स्क्वायर में अंधेरा छा गया और आसपास के कई दुकानों और मकानों को नुकसान पहुंचा। जहां पर यह हमला हुआ, उस इलाके में ज्यादातर हिंदुओं की दुकानें हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती थी। लेकिन, राष्ट्रपति गनी की यात्रा के चलते ज्यादातर सड़कों को बंद कर दिया गया था।