नई दिल्ली: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद दावा का चीफ हाफिज सईद पाकिस्तान में न सिर्फ आजाद और बेखौफ घूम रहा है बल्कि चुनाव के जरिए सत्ता पर काबिज होने की कोशिश भी कर रहा है. पाकिस्तान में अगले महीने होने जा रहे चुनाव में प्रतिबंधित संगठन जमात-उद दावा ने देश भर में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. इतना ही नहीं चुनाव लड़ने वालों में सईद का बेटा और दामाद भी शामिल हैं. सईद ने बीते गुरुवार को इस्लामाबाद के नेशनल असेंबली 153 में चुनाव प्रचार के लिए कार्यालय का उद्घाटन भी किया.

चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्रतिबंधित संगठन जमात-उद दावा के राजनीतिक चेहरे मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को पंजीकृत पार्टी का दर्जा नहीं दिया गया है. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने एमएमएल को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने से इनकार कर दिया है. साथ ही चुनाव आयोग एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत करने वाली एप्लिकेशन को दो बार खारिज कर चुका है.

ऐसे में एमएमएल ने अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने के लिए एक पंजीकृत पार्टी अल्लाह-ओ-अकबर (एएटी) के साथ गठबंधन किया. एएटी के जरिए हाफिज सईद 25 जुलाई को होने जा रहे पाकिस्तान के लोकसभा चुनाव में अपने 265 उम्मीदवार उतारने की कोशिशों में है. एमएमएल के उम्मीदवारों में हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद और दामाद खालीद वलीद भी शामिल हैं.

एमएमएल का इस तरह से चुनाव में खड़ा होना चुनाव आयोग और आंतरिक मंत्रालय की खामियों को दिखाता है. आपको बता दें कि हाफिज सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा है.

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