ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि देश की कैडर बेस रही पार्टियां अब मुददों को लेकर नहीं षडयंत्र बनाकर आम चुनावों में उतरना (लडना)चाहती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले तो देश के नेता थे लेकिन अब उनकी छवि दुनियां के अग्रणी नेताओं में हो गई है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय आज अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षांे से नरेन्द्र मोदी की सरकार चल रही है। सरकार गरीबों के नाम पर आई और उसी के अनुरूप काम कर रही है। महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही अनेक गरीबों , पिछडों और अनुसूचित जाति और जनजाति तथा सामान्य वर्ग के लोगों के लिए योजनाएं तैयार की और उज्जवला योजना के तहत चार करोड गैस कनेक्शन बांटे है। उन्होंने बताया कि विश्व में मंदी थी उसके बाद भी भारत में भी मंदी के दौर में जीडीपी ४.३ के एवज में जीडीपी ३१.२ रही। इसी के साथ कृषि में २०१४ में पहले माइनस २८ थी वह आज ४.२ है। मप्र को लगातार कृषि में पांच वर्ष से अवार्ड मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबसे पहले भाषण में कहा था कि सरकार गरीबों, पिछडों, बेरोजगार, महिला सशक्तिकरण पिछडों को अधिकार दिलाने के लिए है। केन्द्र सरकार के कार्यकाल ४८ माह का है जो पिछली सरकारों के ४८ वर्षों की तुलना में भारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकहित में लोकप्रिय निर्णय ना लेते हुए कुछ कडे निर्णय लिये जैसे नोटबंदी , जीएसटी । उन्होंने बताया कि जब भाजपा नीत सरकार आई उस समय १९ हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन अब सभी गांवों तक बिजली को पहुंचा दिया गया है। २०२२ तक प्रत्येक गरीब को रहने के लिए छत मिलेगी। पहले गरीबी हटाओ का नारा लगाया जाता था। अब गरीबी हटाने के वास्तव में प्रयास किये जा रहे है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड के बेरोजगार युवाओं को ऋण दिये गये । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ४८ माह में अपने कार्यकाल में देश का सम्मान विश्व स्तर पर बढा है। सरकार के निर्णय समाज हित , देश हित में लिये गये हैं। आम चर्चा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई टफ निर्णय लिये हैं। लोकतंत्र में कठिन निर्णय नहीं लेते लेकिन मादी जी ने लोक हित के लिए ऐसे निर्णय लिये। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में किसानों को खाद का संकट रहता था । उसकी सबसिडी का दुरूपयोग होता था। सराकार ने नीम कोटेड खाद का वितरण शुरू कराया अब किसी को भी किसान को भरपूर खाद मिल रहा है। महासचिव विजयवर्गीय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम स्वास्थ्य बीमा की शुरूआत की है। इससे लगभग पांच करोड लोगों का बीमा सुरक्षित होगा।
महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मप्र की सरकार पिछले १४ वर्षों से काम कर रही है। मप्र पहले बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था आज वह टॉप इस राज्यों में शामिल हो गया है। इसका श्रेय भाजपा सरकार को जाता है। उन्होने कहा कि प्रदेश देश में कैडर बेस पार्टी ना के बराबर हो गई है। अब भाजपा ही एक कैडरबेस पार्टी बची है। जो विचारधारा पर चल रही है। जबकि अन्य पार्टियों में कोई परिवार की है कोई जातिगत पार्टी । उन्होंने कहा कि अब मुददों की नहीं षडयंत्रों की लडाई शुरू हो गई है। हम मुददों के आधार पर लड रहे हैं जबकि अन्य पार्टियां षडयंत्रपूर्वक । उन्होंने बताया कि गत अप्रैल माह में जो आंदोलन हुआ उसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने दलित समाज में भ्रम फैलाया कि भाजपा एससी एसटी एक्ट को समाप्त करना चाहिती है। जबकि उच्चतम न्यायालय ने जो निर्णय दिया उसके अनुसार एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारी द्वारा करने के बाद ही गिरफ्तारी संभव होगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कांग्रेस ने मतदाता सूची में बोगस नामों के बारे में चुनाव आयोग में शिकायत की। चुनाव आयोग द्वारा जांच के बाद उक्त शिकायत को खारिज कर दिया गया। वहीं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने पाक के पुल को टिवटर पर भोपाल का पुल बता दिया। उप चुनावों में भाजपा की हार को लेकर पूछे प्रश्न के उत्तर में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उप चुनावों को आम चुनावों से नहीं जोडना चाहिये। उन्होंने कहा कि उप चुनाव में स्थानीय मुददे होते हैं । आम चुनावों में प्रदेश देश के मुददे होते हैं। उन्होंने बताया कि देश के हा राज्य में भाजपा का जनाधार बढा है। वहीं विपक्षी पार्टियां अपना जनाधार खो चुकी है। उन्होंने बंगाल का उदाहरण बताते हुए कहा कि वहां पर पंचायत का चुनाव कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी मिलकर लडी उसके बाद भी उन्हें कम प्रतिशत वोट मिले उन्होंने बताया कि पहले भाजपा बंगाल में चौथे नंबर की पार्टी थी आज वह दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है। उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन होने पर भी दोनों पार्टियों का वोट बैंक कम हुआ है । अब यह पार्टियां अपने अस्तित्व को बचाने की लडाई लड रही है। इसका उदाहरण कर्नाटक है जहां पर कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और जेडीएस ने चुनाव लडा और भाजपा को १०४ सीटें मिली वहीं कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने के लिए जेडीएस के पैरों में लोट गई। विपक्षी पार्टियों के एक होकर चुनाव लडने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मुददों को लेकर चुनाव नहीं लड रहीं अब हमें ऐसी बातों के प्रति जागरूक होना पडेगा। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, जीडीए अध्यक्ष अभय चौधरी, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, मधुसूदन भदौरिया, उदय अग्रवाल आदि मौजूद थे।