जकार्ता । तीन दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा के पहले पड़ाव में इंडोनेशिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर बाद राजधानी जकार्ता में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। मोदी ने इस दौरान पिछले चार साल की सरकार की उपलब्धियां बताईं, साथ ही भविष्य के भारत खाका भी खींचा। मोदी ने एक बार फिर ‘न्यू इंडिया’ का नारा दोहराया। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर 2022 तक न्यू इंडिया बनाना है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी सरकारों की नीयत ठीक नहीं थी, आज भी वही सिस्टम और वही नीतियां हैं लेकिन विकास की रफ्तार पहले से तेज है।
मोदी ने भाषण की शुरुआत इंडोनेशिया की भाषा में नमस्कार से की। मोदी ने कहा कि वो रमजान के इस पवित्र महीने में हुए शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि सुबह इंडोनेशिया की विविधता की झलक भी देखने को मिली। इसके बाद मोदी ने इंडोनेशिया में बसे भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि एक दौर वो था जब आपके पूर्वजों को भारत छोड़ना पड़ा था। एक दौर आज का है, जब दुनियाभर में भारत की मजबूत पहचान बनी है। भाषण के अंत में उन्होंने इंडोनेशिया में बसे प्रवासी भारतीयों को अगले साल प्रयाग में लगने वाले कुंभ मेले के लिए निमंत्रण दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इंडोनेशिया में बसे भारतीयों के लिए 30 दिन तक मुफ्त वीजा की व्यवस्था कर रहे हैं।
इंडोनेशिया और भारत के रिश्तों का इतिहास
– भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, वहीं इंडोनेशिया में भी लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं।
– मोदी ने कहा, इंडोनेशिया के बोर्नियो द्वीप पर 1700 साल पहले के अवशेष हैं जो भारत के साथ संबंधों के सबूत हैं। हाल ही में मैं ओडिशा में गया था मैं और जिस मैदान पर सभा हुई, उसका नाम बालिजात्रा था। इसका मतलब इंडोनेशिया के बाली की यात्रा है। सैकड़ों साल पहले कटक से ही निकल कर नाविक जावा, सुमात्रा, बाली, बोर्नियो तक जाते थे।
– इंडोनेशिया का गुजरात के साथ भी पुराना नाता रहा है। सैकड़ों साल पहले वहां के लोग इंडोनेशिया पहुंचे। वहां का खानपान और बोली यहां की संस्कृति में घुली-मिली।
– आज भी कई ऐसे शब्द इस्तेमाल हैं जो भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को बताते हैं। भाई के लिए सहोदर, रंगों के लिए वर्ण, भहासा और भाषा, रुपिया और रुपया। अगर ऐसे शब्दों को इकट्ठा करें तो पूरी डिक्शनरी बन जाएगी।
– भारत और इंडोनेशिया के बीच सिर्फ 90 नॉटिकल मील का ही फासला है। हम 90 नॉटिकल मील दूर नहीं, इतने पास हैं। हम पड़ोसी हैं। मैं सबसे आग्रह करूंगा कि हम बोलचाल में बार-बार इस बात का जिक्र करें कि इंडोनेशिया का सबसे करीबी पड़ोसी हिंदुस्तान है।
– यहां इंडोनेशिया तमिल संगम के आयोजनों को अलग पहचान मिली है। पिछले साल जकार्ता और अन्य स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल कार्यक्रमों की मुझे जानकारी मिली। बाली में पंचकर्म की लोकप्रियता बढ़ रही है।
– भारत और इंडोनेशिया का रिश्ता 1700साल पुराना है। रामायण और महाभारत इंडोनेशिया के जीवन में बसा है।इंडोनेशिया में रामकथा को नए रूप में देखा। हमारा संस्कृत और संस्कृति का रिश्ता है। इंडोनेशिया भारत का सबसे करीबी पड़ोसी देश है।