अमेरिका में रेप के मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। ज्‍यूरी ने पीड़िता को एक अरब डॉलर (6,800 करोड़ रुपये) का मुआवजा देने का आदेश दिया है। पीड़ि‍ता के वकीलों ने बताया कि अमेरिका में ज्‍यूरी द्वारा दुष्‍कर्म के मामले में मुआवजा के तौर दी जाने वाली यह सबसे बड़ी राशि है। दुष्‍कर्म का दोषी सुरक्षा गार्ड 20 साल जेल की सजा काट रहा है। पीड़ि‍ता से जब रेप किया गया था तो वह नाबालिग थी। दुष्‍कर्म पीड़ि‍ता की मां रेनेटा चेस्‍टन थॉर्टन ने वर्ष 2015 में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में दोषी करार ब्रैंडन लमार जकारी एक सिक्‍योरिटी एजेंसी में काम करता था। पीड़ि‍ता ने ज्‍यूरी के फैसले का स्‍वागत करते हुए कहा, ‘मेरे मामले में दिया गया फैसला यह दिखाता है कि यदि आप न्‍याय हासिल करने प्रति दृढ़ हैं तो अंत बेहतर होगा।’ ‘बीबीसी’ के अनुसार, पीड़ि‍ता वर्ष 2012 में अपने ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ एक दोस्‍त के जन्‍मदिन की पार्टी में शामिल होने के लिए जॉन्‍सबोरो (जॉर्जिया) गई थीं। पीड़ि‍ता ने बताया जकारी हथियार के दम पर उनके ब्‍वॉयफ्रेंड को नियंत्रित कर लिया था और बाद में सबके सामने उनके साथ रेप किया था। उस वक्‍त उनकी उम्र 14 वर्ष थी।
सुरक्षा एजेंसी को भी बनाया था आरोपी: पीड़ि‍ता की मां रेनेटा चेस्‍टन ने इस मामले में क्राइम प्रिवेंशन एजेंसी नामक सुरक्षा एजेंसी को भी आरोपी बनाया था। घटना के वक्‍त जकारी इसी एजेंसी में काम करता था। रेनेटा ने सिक्‍योरिटी एजेंसी पर लापरवाही बरतने और सुरक्षा गार्ड को उचित प्रशिक्षण नहीं देने का भी आरोप लगाया था। ज्‍यूरी ने उनके आरोपों को सही माना और सुरक्षा एजेंसी को एक अरब डॉलर का मुआवजा देने का निर्देश दिया। हालांकि, ज्‍यूरी ने स्‍पष्‍ट किया कि सुरक्षा एजेंसी की वित्‍तीय क्षमता इतनी न होने पर मुआवजे की राशि में बदलाव किया जा सकता है। पीड़ि‍ता ने न्‍यूज एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि ज्‍यूरी का यह फैसला दिखाता है कि लोगों को महिला का सम्‍मान करना चाहिए। वह फिलहाल फोर्ट वैली स्‍टेट यूनिवर्सिटी में सोशल वर्क की पढ़ाई कर रही हैं। अमेरिकी कानून विभाग के अनुसार, देश में हर साल दुष्‍कर्म और यौन हिंसा से जुड़े औसतन 3.21 लाख मामले सामने आते हैं।

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