भोपाल ।  मध्यप्रदेश में ग्रामीण विकास से संबंधित मनरेगा, इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना, बुंदेलखंड पैकेज एवं सामाजिक न्याय से संबंधित पेंशन योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आज भोपाल में विकास आयुक्त कार्यालय में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा भी मौजूद थीं।
श्री प्रदीप जैन ने कहा कि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम (मनरेगा) केन्द्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। प्रत्येक राज्य यह प्रयास करे कि इस कार्यक्रम का फायदा गाँव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक सही रूप में पहुँचे। उन्होंने कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मॉनीटरिंग को और मजबूत किये जाने पर जोर दिया।
बैठक में श्रीमती अरूणा शर्मा ने बताया कि मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आगामी दो माह में इस योजना से जुड़े 2 लाख व्यक्ति को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए 950 करोड़ रुपये की माँग की गई है। मनरेगा में इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर 2012 तक 2,798 करोड़ रुपये व्यय किये जाकर 1,210 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है। इनमें से 232.24 लाख अनुसूचित जाति, 345.07 लाख अनुसूचित जनजाति और 514.33 लाख श्रम दिवस महिला वर्ग के लिए सृजित किये गये हैं।
बैठक में बताया गया कि मनरेगा की प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए चीफ विजिलेंस ऑफीसर, क्वालिटी कन्ट्रोल यूनिट, सोशल आडिट के लिए विशेष कार्य दल गठित किए जा चुके हैं। आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से 58 प्रतिशत परिसम्पत्तियों का निर्माण किया गया है, जो देशभर में सर्वाधिक है। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा मनरेगा साफ्टवेयर में सुधार की आवश्यकता है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाकर समय-समय पर उन्हें अवगत करवाया गया है। मनरेगा लागू होने के बाद से अब तक साफ्टवेयर में 7 बार परिवर्तित वर्जन जारी किये जा चुके हैं। इससे एम.आई.एस. की एण्ट्री में दिक्कतें आ रही हैं। आयुक्त मनरेगा ने बताया कि भारत सरकार के पोर्टल की गति धीमी होने से भी कार्य प्रभावित हो रहा है। मनरेगा आयुक्त ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत भारत सरकार स्तर की शिकायतों में मात्र 108 शिकायतें शेष हैं। इनमें से भी 26 शिकायतें हाल ही में प्राप्त हुई हैं जिन पर जाँच जारी है। शेष 82 शिकायतें तीन माह पूर्व की हैं जिन पर भारत सरकार को प्रतिवेदन भेजा जाना है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भारत सरकार को 125 शिकायत की जाँच की जाकर निराकरण के लिए जानकारी भेजी जा चुकी है। इन 125 शिकायत पर भारत सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाना है।
बैठक में बताया गया कि कपिलधारा योजना में अब तक 2 लाख 65 हजार कुँओं का निर्माण किया जा चुका है। इन पर लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस योजना से 2 लाख 30 हजार परिवार की आमदनी में इजाफा हुआ है और साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई का निर्माण हुआ है। बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत प्रदेश के 6 जिलों में 51 करोड़ की राशि खर्च की गई है।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में प्रदेश में बुंदेलखंड पैकेज में 1232 सड़कों को जनवरी 2013 तक पूरा किया है। केन्द्र सरकार से इस योजना में 4675 किलोमीटर सड़कों पर स्वीकृति मिलना बाकी है। बैठक में निर्मल भारत अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में सचिव ग्रामीण विकास श्री राजेश राजौरा एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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