ग्वालियर। “आयुष्मान भारत योजना” ग्वालियर जिले में भी 15 अगस्त से लागू होगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से प्रतिवर्ष पात्र परिवारों को 5 लाख रूपए का स्वास्थ्य रक्षा कवच पहनाया जायेगा। बीमा की प्रीमियम राशि सरकार जमा करेगी। यह योजना पूर्णत: कैशलेस होगी।
ग्वालियर जिले में इस योजना से लाभान्वित कराने के लिए पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार करने का काम जारी है। जिले में सर्वे का कार्य 10 मई तक सम्पन्न कराया जाना है। कलेक्टर श्री राहुल जैन ने जिले के पात्र परिवारों से सर्वे के दौरान सही-सही जानकारी देकर इस योजना में नाम शामिल कराने की अपील की है। सामाजिक-आर्थिक एवं जातीय जनगणना एसईसीसी-2011 के आधार पर यह सूची अद्यतन की जा रही है। साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों एवं वंचित श्रेणी के ग्रामीण परिवारों को भी योजना में शामिल किया जायेगा। सर्वे का कार्य आशा कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक इत्यादि द्वारा किया जा रहा है। एसईसीसी सूची के अनुसार पात्र परिवारों के सत्यापन के दौरान यह देखा जा रहा है कि परिवार के सम्मिलित सदस्यों में कोई बदलाव हुआ है अर्थात वर्ष 2011 के बाद परिवार में हुए जन्म, मृत्यु व विवाह। साथ ही परिवार के मुखिया का मोबाइल नम्बर व समग्र आईडी भी जोड़ी जा रही हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र परिवार अधिमान्य निजी एवं शासकीय अस्पतालों के माध्यम से हर वर्ष 5 लाख रूपए तक कैशलेस उपचार की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। योजना के तहत विभिन्न प्रकार के इलाज के लिए पैकेज निर्धारित किए गए हैं।

वंचित श्रेणी के ये ग्रामीण परिवार होंगे शामिल
ऐसे परिवार जो एक कमरे के कच्चे मकान में निवासरत हैं। जिन परिवारों में 16 से 59 आयु वर्ग का कोई सदस्य नहीं है। जिन परिवारों की मुखिया महिला है और परिवार में 16 से 59 आयु वर्ग का कोई पुरूष सदस्य नहीं है। ऐसे विकलांग सदस्य जिनके परिवार में कोई काम करने लायक व्यक्ति नहीं है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवार, भूमिहीन परिवार और ऐसे परिवार जिनकी आय का स्त्रोत मजदूरी है।

ये परिवार स्वत: होंगे शामिल
बिना पक्की छत व बिना आय वाले परिवार, सिर पर मैला ढ़ोने वाले परिवार, विशेष जनजाति समूह, छुड़ाए गए बंधुआ मजदूर श्रमिक इस योजना में स्वत: ही शामिल किए गए हैं।

व्यवसाय आधारित इन शहरी परिवारों को भी मिलेगा लाभ
कचरा बीनने वाले, भिखारी, घरेलू कामगार, फेरीवाले, मोची, निर्माण श्रमिक, प्लम्बर, मकान बनाने वाले श्रमिक, पुताई व बैल्डिंग करने वाले, सुरक्षा कर्मी, कुली, सफाईकर्मी, माली, शिल्पकार, हस्तशिल्पकर्मी, दर्जी, वाहन चालक-परिचालक व उनके सहायता कर्मी, हाथगाड़ी चलाने वाले, रिक्शा चालक, विद्युत कर्मी, मिस्त्री, संयोजन कर्मी, मरम्मत का कार्य करने वाले धोबी व चौकीदार इत्यादि शामिल हैं।

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