नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज (23 अप्रैल) से ‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत करेंगे, जिसका मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत कांग्रेस का यह अभियान शुरू हो रहा है. इसकी शुरुआत के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे आदि भी शामिल हो सकते हैं. राजनीति के जानकार बताते हैं कि कांग्रेस का ‘संविधान बचाओ’ अभियान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए शुरू किया गया है. हाल के दिनों में SC/ST कानून में कथित तौर पर बदलाव के मुद्दे पर दलित आक्रोशित नजर आ रहे हैं, कांग्रेस इस मौके का लाभ उठाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगत में जुटी है. इसी को ध्यान में रखकर इस अभियान की शुरुआत की गई है.
अभियान को भीमराव आंबेडकर से जोड़ा गया
यह अभियान अगले साल दलित विचारक बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. कांग्रेस के वर्तमान एवं पूर्व सांसद, जिला परिषदों, नगरपालिकाओं और पंचायत समितियों में पार्टी के दलित समुदायों के प्रतिनिधि और पार्टी की स्थानीय इकाइयों के पदाधिकारी भी इसमें भाग लेंगे. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘बीजेपी सरकार में संविधान खतरे में है. दलित समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में अवसर नहीं मिल रहे हैं. इस अभियान का मकसद इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है.’ कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख विपिन राउत ने एक बयान में दावा किया कि आरएसएस समर्थित बीजेपी जब से केंद्र की सत्ता में आयी है, किसी न किसी तरीके से देश के संविधान पर हमले होते रहे हैं. इससे समाज के वंचित तबकों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी – आरएसएस अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर तबकों को मिली सामाजिक सुरक्षा को भंग करना चाहती है. आरएसएस विचारधारा संविधान के मूल ढांचे पर हमला करता है. कांग्रेस पार्टी इसका मुकाबला करेगी.