भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक मई से 15 जून तक तालाब संरक्षण का अभियान चलेगा। इस अभियान के दौरान तालाबों के जीर्णोद्धार, गहरीकरण और नए तालाबों के निर्माण के कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जल संरक्षण के प्रयासों पर विचार-विमर्श के लिये जल संसद का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में नदी और तालाब संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाब के साथ ही प्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन और गहरीकरण के कार्य भी किये जाएंगे। श्री चौहान आज भोपाल तालाब गहरीकरण अभियान के शुभारंभ अवसर पर नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों का आव्हान किया कि तालाब के संरक्षण के लिए आत्मीयता के साथ समर्पण की भावना से गहरीकरण कार्य में श्रमदान करें। गहरीकरण के कार्य में श्रमदान तालाब के साथ भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। तालाब और जल का संरक्षण, उसकी सीमाओं की रक्षा, शासन-प्रशासन के साथ ही जनता की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने भरोसा जताया कि कर्तव्यनिष्ठ और जिंदा दिल भोपालवासी तालाब को निर्जीव नहीं होने देंगे। महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल का तालाब नगर की जीवन रेखा है, जिसमें शहर के प्राण, आत्मा और संस्कृति बसती है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का धर्म और कर्तव्य, तालाब का संरक्षण है। महापौर ने बताया कि तालाब को जीवंत बनाने के लिये गहरीकरण अभियान शुरू किया गया है। नागरिकों और संस्थानों द्वारा इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाई जा रही है।
इस अवसर पर सांसद आलोक संजर, विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह, बृजेश लुणावत और लोकेंद्र पाराशर सहित वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि नागरिक, नर्सिंग होम एसोसियेशन, क्रेडाई, न्यू मार्केट व्यापारी संघ और गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। मानसरोवर ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के सदस्यों ने इस मौके पर योगाभ्यास भी किया।