राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ में उच्च स्थान दिलाने के लिए हिन्दी के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। हिन्दी भाषा हमारे देश को एक सूत्र में बाधे हुए है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ली जाने वाली हिन्दी की परीक्षा में ऐसे विद्यार्थियों को भी भाग लेने लिए प्रेरित किया जाये जिनको स्कूलों में हिन्दी की परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं मिलता हैं। बैठक में अध्यक्ष श्री सुखदेव प्रसाद दुबे, उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री रघुनंदन शर्मा, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति एवं हिन्दी भवन न्यास के सचिव श्री कैलाश पंत, पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश दुबे तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री आनंदीबेन पटेल ने सभी शासकीय कार्यालयों में हिन्दी में कार्य किया जाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रभाषा धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले हम अपने परिवार में बच्चों को हिन्दी बोलने,अपने व्यवहार में लाने का प्रयास करें। शिक्षा ग्रहण करने के लिए शुरू से बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में प्रवेश दिलाने की परम्परा से बच्चे हिन्दी न तो लिख-बोल पाते हैं और नहीं समझते हैं। राज्यपाल ने विद्यालयों में हिन्दी और संस्कृत को बढ़ाये जाने पर जोर दिया। उन्होंने हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए जगह-जगह नुक्कड़ नाटक का आयोजन करने का सुझाव दिया। श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में बच्चों के लिए समर विकेशन में हिन्दी कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिये। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सचिव श्री कैलाश पंत ने राज्यपाल को समिति की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को राजभवन की ओर से दिये जाने वाले अनुदान की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपये करने की घोषणा की।

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