भोपाल। आधुनिक सोच वाली प्रायवेट कंपनी में कार्यरत एक महिला जब शादी के बाद ससुराल पहुंची तो ससुराल वालों ने जींस पहनने पर पाबंदी लगा दी। शुरुआत में महिला ने चुपचाप बर्दाश्त किया, लेकिन ससुराल वालों से लगातार ताने मिलने लगे। इसी वजह से घर में हर रोज कलह होने लगी। हालात इतने बिगड़े कि मामला महिला थाने पहुंच गया। जहां पर परिवार परामर्श केंद्र में उनकी कांउसिलिंग की गई।

एक अन्य मामले में शादी के दो-तीन महीने बाद से ही बहू के खाने-पीने को लेकर ससुराल में कलह होने लगा। ससुराल वालों का कहना है कि बहू को नूडल्स व पास्ता पसंद है, जिसे वह बनाकर खा लेती है और हम लोग के लिए खाना नहीं बनाती। साथ ही घर के कामों में हाथ नहीं बंटाती है। इस तरह के कई प्रकरण महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज किए गए हैं। परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलर ने कुछ मामलों में परिवार को बिखरने से बचा लिया, तो कई मामले तलाक तक पहुंच गए। परामर्श केंद्र में कामकाजी बहू के घर में सामंजस्य नहीं बिठाने को लेकर करीब 4 से 5 मामले परामर्श केंद्र में हर माह पहुंच रहे हैं।

5 फीसदी मामले बहू की लाइफस्टाइल से जुड़े

वर्ष 2017 में परिवार परामर्श केंद्र में 1251 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा, पति-पत्नी के विवाद, दहेज प्रताड़ना जैसे मामले शामिल हैं। इसमें औसतन 5 फीसदी मामले कामकाजी बहू की लाइफस्टाइल से जुड़े हुए शामिल हैं। ऐसी शिकायतों पर काउंसलर तीन बार काउंसिलिंग कर सुलझाने का प्रयास करती हैं।

18 फीसदी मामलों में स्वेच्छा से अलग हुए

कई मामलों में जब सामंजस्य की गुंजाइश नहीं बचती है तो फिर मामला तलाक तक पहुंच जाता है। प्राप्त आवेदन में 1251 में 18 फीसदी मामलों में पति-पत्नी आपसी समझौते से अलग हो गए। वहीं कामकाजी जोड़े में पति-पत्नी के बीच शक के भी मामले सामने आ रहे हैं।

केस-1

कोलार निवासी इशिता सचदेव (काल्पनिक नाम) एक प्रायवेट कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं। उन्होंने मई 2016 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नितिन सदचेव से लवमैरिज की। इशिता शादी से पहले से जॉब कर रही थी। शादी के बाद ससुराल पहुंची तो उनके पहनावे को लेकर हर रोज सास से कमेंट्स सुनने को मिलते थे। इसे लेकर इशिता ने परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराई।

केस-2

बैंक में कार्यरत अंशिका (काल्पनिक नाम) की शादी रेलवे में कार्यरत राजेश से अप्रैल 2017 में हुई। अंशिका को चायनीज फूड बहुत पसंद था। जिसे लेकर ससुराल वाले हमेशा ताना मारते थे कि बहू खुद चाउमीन व पास्ता खाती है और हमारे लिस खाना नहीं बनाती है। जिससे प्रकरण परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा।

2017 का आंकड़ा

प्राप्त शिकायत- 1251

समझौता- 293

कानूनी सलाह- 350

अपराध पंजाबद्ध – 155

नस्तीबद्घ- 202

स्वेच्छा से अलगाव- 225

पेंडिंग- 55

इनका कहना है

आजकल वर्किंग बहू के लाइफस्टाइल जुड़े काफी मामले आ रहे हैं। जिसमें बहू को ससुराल रहन-सहन पसंद आता तो ससुराल वालों को बहू का पहनावा व खान-पान पसंद नहीं आता। ऐसे मामलों में समझौते का प्रयास करते हैं, जिससे घर टूटने से बच जाए – रेणुका मेहता, काउंसलर, परिवार परामर्श केंद्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *