उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह कार्य व्यापक अभियान चलाकर किया जाए। किसानों को फ्लैक्स, बैनरों के माध्यम से जानकारी दी जाए। कृषकों को मिलने वाले लाभों को बिंदुवार अंकित करके उन्हें जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा गेहूँ उपार्जन का कार्य प्रारंभ हो चुका है तथा 10 अप्रैल से 31 मई तक चना, मसूर, सरसों की खरीदी की जाएगी। इसके लिये सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित कर लें। कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिये मजिस्ट्रेट ड्यूटी लगा दी जाए।
उन्होंने कहा कि विकासखण्डवार मैपिंग कर ली जाए। उसके अनुसार ही किसानों को एसएमएस द्वारा जानकारी दें कि उनकी खरीदी किस क्षेत्र में होगी। उन्होंने कहा कि फसलों की गुणवत्ता चैक करने की प्रक्रिया का भी पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा यह भी ध्यान रखा जाए कि जो गेहूँ व्यापारियों ने खरीदा है वह फिर से मण्डियों में न आए तथा एक केन्द्र पर दो हजार से अधिक किसानों की संख्या नहीं हो।
कलेक्टर जैन ने कहा कि बैंक, राजस्व व कृषि विभाग गेहूँ खरीदी और भावान्तर भुगतान योजना के कार्यों को प्राथमिकता से करें। फ्लैक्स, बैनर, तौल-कांटे, वजन मशीन, उपार्जन केन्द्रों पर बोर्ड पर बिंदुवार जानकारी आदि व्यवस्थायें देखने के लिये भ्रमण भी किया जायेगा। इसलिये सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित रखें और उपार्जन कार्यों की समीक्षा के लिये सोमवार व गुरूवार को समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा।
किसानों को मिलेंगे पूर्व वर्ष के 200 रूपए
पिछले वर्ष के पंजीकृत किसानों को 200 रूपए प्रति क्विंटल के आधार पर उनके खाते में प्रदान किए जायेंगे। यह जानकारी एसएमएस के माध्यम से किसानों को दी जायेगी। किसानों द्वारा खाता नम्बर में कोई परिवर्तन किया गया है तो वे इसमें संशोधन करा सकते हैं। यह राशि किसानों को 16 अप्रैल को प्रदान की जायेगी।
किसान समृद्धि योजना के तहत मिलेंगे 265 रूपए
प्रदेश के किसानों को किसान समृद्धि योजना के तहत 265 रूपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। कोई कृषक समर्थन मूल्य पर गेहूँ की फसल बेचने के बजाय मण्डी में बेचता है तो भी उसे यह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। वर्तमान वर्ष की यह राशि किसानों को उनके बैंक खातों में प्रदान की जायेगी।
अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि अब 27 अप्रैल तक
खरीफ वर्ष 2017 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर प्रदान किए गए अल्पावधि फसल ऋण की देय तिथि 28 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल कर दी गई है। किसानों के हितों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिए गए हैं।