ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड में पुलिस और रेत माफिया के गठजोड़ का स्टिंग कर भंडाफोड़ करने वाले पत्रकार संदीप शर्मा की आज एक ट्रक एक्सीडेंट में मौत हो गई है। पुलिस ने अब तक इस मामले में सामान्य एक्सीडेंट दिखाकर मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन संदीप शर्मा के भांजे ने हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने अटेर के एसडीओपी रहे इंद्रवीर भदौरिया पर हत्या का आरोप लगाया है। भांजे प्रशांत पुरोहित ने कहा कि मामा की एक्सीडेंट में मौत नहीं हुई, बल्कि उन्हें मारा गया। पुलिस ने ट्रक पकड़ लिया है, लेेकिन चालक फरार है।
संदीप शर्मा के भांजे संदीप पुरोहित ने आरोप लगाया है कि आज सुवह जब मामा घर से बाइक से निकले थे, उसी समय ट्रक उनके पीछे लग गया था। कोतवाली थाने के सामने ट्रक ने टक्कर मारकर कुचलते हुए निकल गया। बता दें कि संदीप शर्मा ने भिण्ड जिले के अटेर के तत्कालीन एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया का स्टिंग कर पुलिस- रेत माफिया का स्टिंग करके भंडाफोड़ किया था। जिसकी वजह से एसडीओपी को काफी परेशानी हुई थी।
पत्रकार संदीप शर्मा की मौत की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने एसआईटी गठित की है। जिसमें डीएसपी हेड क्वार्टर राकेश छारी, टीआई मेहगांव नरेंद्र त्रिपाठी, टीआई कोतवाली शैलेन्द्र कुशवाह, एसआई आशुतोष शर्मा, एएसआई सत्यवीर सिंह और साइबर सेल एसआईटी में शामिल हैं। एसआईटी जांच कर एसपी रिपोर्ट देगी।
हादसा उस वक्त हुआ जब संदीप शहर कोतवाली के पास से गुजर रहे थे और उनको एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी। उनको डायल-100 से तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान उन्होने दम तोड़ दिया। रेत माफिया और पुलिस के गठजोड़ के स्टिंग के बाद संदीप इस तरह के हादसे की आशंका पहले ही जता चुके थे। उन्होंने एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया के खिलाफ आईजी से शिकायत भी की थी। बता दें कि इससे पहले भी रेत माफिया प्रदेश में कई बार बड़े अधिकारियों तक पर हमला कर चुके हैं।
रेत माफिया का खौफ और दहशत यूं तो पूरे प्रदेश में है, लेकिन चंबल इलाके में इनके आगे पुलिस-प्रशासन भी बेबस नजर आती है। एक युवा आईपीएस अफसर से लेकर पुलिसकर्मियों और पत्रकारों तक को मौत के घाट उतारा जा चुका है। अवैध उत्खनन पर दबिश देने गई टीम पर कभी जानलेवा हमला हुआ तो कभी टीम को जान बचाकर भागना पड़ा। देश में मध्यप्रदेश अवैध उत्खनन के मामले में दूसरे नंबर पर है, जबकि महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। राज्य सरकारों से अवैध उत्खनन की रिपोर्ट मिलने के बाद भारतीय खान ब्यूरो ने ये खुलासा किया।
रेत माफिया के खौफ का सबसे बड़ी घटना मार्च 2012 में सामने आई थी, जब बामौर में अवैध रुप से पत्थर ले जा रहे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आईपीएस नरेंद्र कुमार की मौत हो गई थी।
2016-17 में अवैध उत्खनन के मध्य प्रदेश से 13880 मामले आए, एफआईआर सिर्फ 516 में दर्ज हुई। देश में सबसे ज्यादा 31173 मामले महाराष्ट्र से आए, वहां भी एफआईआर 794 मामलों में दर्ज हुई।

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