मॉस्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को हुए चुनावों में एक बार फिर बड़ी जीत हासिल कर ली है। रूस के चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि बीते 18 सालों से राजनीति में अपना दबदबा रखने वाले पुतिन को 75.9 प्रतिशत वोट मिले हैं। जीत के बाद पुतिन ने अपने प्रशंसकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस जीत का भरोसा था क्योंकि उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में भी विश्वास मत हासिल कर लिया था। उन्हें साल 2012 से भी ज्यादा वोट इस चुनाव में मिले हैं। रूस की जनता ने पुतिन को ही अगले 6 सालों के लिए राष्ट्रपति चुना है। अब वह 2024 तक इस पद पर रहेंगे।
बता दें कि शुरू से ही यह चुनाव एकतरफा ही माना जा रहा था क्योंकि कोई भी कद्दावर नेता पुतिन के खिलाफ नहीं लड़ रहा। पुतिन के खिलाफ 7 उम्मीदवार हैं। लेकिन उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी अलेक्सेई नवलनी को कानूनी कारणों को लेकर रोक दिया गया है। इस तरह चुनाव नतीजों को लेकर थोड़ा भी संदेह नहीं है।
पुतिन का कोई विकल्प नहीं
बड़ी संख्या में मतदाता 65 वर्षीय पुतिन को दुश्मन दुनिया के खिलाफ रूस के हितों के लिए खड़ा होने वाला मानते हैं। पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले में ब्रिटेन का आरोप उनके कद को नुकसान नहीं पहुंचा सका है। क्रीमिया के सिमफेरोपोल शहर के 79 वर्षीय मतदाता अलेक्जेंडर किरयुखिन के मुताबिक, पुतिन ने हमारी जान बचाई है। रूस में उनका स्थान कोई नहीं ले सकता। 2014 में रूस ने यूक्रेन से इस क्षेत्र को अपने कब्जे में लिया था। पश्चिमी देशों ने इसकी आलोचना की लेकिन अधिकतर रूसियों ने पुतिन की प्रशंसा की। अधिकतर मतदाताओं का मानना है कि रूस में पुतिन का कोई विकल्प नहीं है।
विपक्ष ने लगाया आरोप
इस बीच पुतिन के विरोधियों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अधिक मतदान कराने के लिए दबाव डाला। सरकारी कर्मचारियों से कहा गया कि अपने बॉस को रिपोर्ट करें कि उन्होंने मतदान किया। कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मतदान पेटी के सामने मोबाइल से फोटो खींचते देखा गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि बॉस के लिए फोटोग्राफिक रिपोर्ट है। विरोधी नेता येवजेनी रोइजमैन ने कहा कि देश के पूरे मतदान केंद्रों पर झुंड लगा दिया। यह अपमानजनक है, हम भेड़ नहीं हैं। इसके अलावा मतदान केंद्रों पर स्टॉल लगाए गए जहां कम कीमत पर सामान बेचे गए। गौरतलब है कि कुछ पर्यवेक्षकों के मुताबिक, मतदान कम होने से पुतिन के लिए मुश्किल होता।
19 साल पहले राष्ट्रपति बने थे पुतिन
व्लादिमीर पुतिन 19 साल पहले रूस के कार्यकारी राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने पहली बार 2000 में चुनाव लड़ा और 53 फीसदी वोट के साथ विजयी रहे थे। 2004 में वह 71.2 फीसदी वोट लेकर फिर राष्ट्रपति बने थे। जबकि 2012 में उन्होंने 63.3 फीसदी वोट पाकर एक बार फिर जीत दर्ज की। अब इस बार जीतने पर वह 2024 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे। वह जोसेफ स्टालिन के बाद रूस में सबसे अधिक समय तक सत्ता संभालने वाले दूसरे व्यक्ति बन जाएंगे। रूस में पहले राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल का होता था, लेकिन 2012 में इसे बदलकर छह साल का कर दिया गया। उल्लेखनीय रूस में कोई भी लगातार दो बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। पुतिन भी तीन बार देश के राष्ट्रपति रहे हैं। लेकिन उन्होंने 2008 का चुनाव नहीं लड़ा था। एक चुनाव छोड़ने के बाद वह फिर राष्ट्रपति बने।
इस तरह होता है राष्ट्रपति चुनाव
रूस में प्रत्यक्ष मतदान के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव होता है। मतदान दो चरणों में होता है। पहले चरण में किसी उम्मीदवार को बहुमत हासिल नहीं होने पर दूसरे चरण का मतदान होता है। दूसरे चरण के मतदान में पहले चरण के दो शीषर्ष उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं। पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण की आवश्यकता हुई तो अगले महीने चुनाव करवाया जा सकता है। इस तरह काम करती है सरकार रूस में राष्ट्रपति के पास वास्तविक शक्तियां होती हैं। वह देश का सबसे ताकतवर व्यक्ति होता है। इसके बाद दूसरे स्थान पर प्रधानमंत्री और तीसरे स्थान पर फेडरल काउंसिल (ऊपरी सदन) के अध्यक्ष होते हैं। रूस में भारत की तरह ही संसद की कार्यवाही होती है। वहां फेडरल असेंबली होती है। साथ ही दो सदन फेडरल काउंसिल और स्टेट ड्यूमा होता है।