भोपाल। बाघों की मौत के मामलों में बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया है कि पिछले 13 माह में प्रदेश में 32 बाघों की मौत हुई है। इनमें से सात बाघों की मौत करंट लगने से हुई है और पांच बाघों का शिकार हुआ है। वहीं एक बाघ को तेंदुए ने मार डाला।
विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार ने प्रदेश में बाघों की लगातार मौतों को लेकर सवाल किया था। सरकार ने इसका जवाब देते हुए बताया है कि इन मामलों में विभाग के वरिष्ठ अफसरों की लापरवाही सामने नहीं आई है और न ही इस कारण लगातार मौतें हो रही हैं। सरकार के मुताबिक आठ बाघों की मौत आपसी संघर्ष में हुई है। जबकि दो बाघों की मौत दुर्घटना में हुई है।
15 लाख का मुआवजा दिया
छिंदवाड़ा जिले में वन्यप्राणियों से जनहानि और पशुहानि के 90 मामलों में विभाग ने 15 लाख 47 हजार रुपए का मुआवजा बांटा है। विधायक सोहनलाल वाल्मिक ने क्षेत्र में बाघ और तेंदुए के आतंक पर सरकार से सवाल किया था। उन्हें जिले में पिछले तीन साल में हुई दुर्घटनाओं और उनमें बांटी गई मुआवजा राशि का हिसाब मांगा था। इस पर वन विभाग ने जनहानि में महज 2500 रुपए और पशुहानि में 15 लाख 47 हजार रुपए मुआवजा देने की जानकारी दी है।