जबलपुर। प्रदेश की अनुदान प्राप्त 1296 गोशालाओं में अब कोई भी निजी व कॉर्पोरेट सेक्टर की कंपनी या व्यक्ति, संस्था आसानी से दान कर सकती है। आयकर विभाग ने मप्र गो संवर्धन बोर्ड की दलीलों को मानते हुए बोर्ड को 80जी के दायरे में शामिल कर लिया है। दो दिन पहले ही इस बारे में आयकर विभाग ने अपना निर्णय जारी कर दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ गो संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज की विशेष बैठक में गोशालाओं के संवर्धन के लिए विभाग के इस कदम को सराहनीय बताया जा रहा है।
संरक्षण में मिलेगी मदद
मप्र गो संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने बताया कि बोर्ड को शासन स्तर से अनुदान के तौर पर सहायता मिलती है। आयकर विभाग के सामने जब इस बात को पेश किया गया कि गोवंश को बचाने व उसके संवर्धन के लिए बोर्ड काम कर रहा है और पूरी राशि गोशालाओं के माध्यम से उपयोग की जाती है। तब जाकर विभाग ने अपने नियमों के तहत गो संवर्धन बोर्ड को 80 जी के दायरे में शामिल किया।
अब प्रदेश की अक्रियाशील गोशालाओं को भी शुरू किया जा सकेगा। वहीं काम कर रही गोशालाओं के लिए लोग व कंपनियां सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी फंड दे सकेंगे। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल बोर्ड को 25 करोड़ की राशि अनुदान के तौर पर मिली है।
बढ़कर दिया गोशालाओं को अनुदान
इस बार प्रदेश की क्रियाशील गोशालाओं को अनुदान भी बढ़कर दिया गया है। जबलपुर की 12 गोशालाओं को 35 लाख 44 हजार रुपए मिले हैं। इसी तरह सिवनी की 6 गोशाला के लिए 10 लाख 5 हजार, मंडला की दो गोशाला को 2 लाख 18 हजार, कटनी की 5 गोशाला को 11 लाख, नरसिंहपुर की 9 गोशाला को 22 लाख 74 हजार, छिंदवाड़ा की 4 गोशाला को 15 लाख रुपए दिए गए।
खुले पत्र से मदद बढ़ाने की पहल
गो संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने प्रदेश की सभी गोशाला प्रबंधक व समिति पदाधिकारियों को खुला पत्र जारी किया है। जिसमें गोवंश के संवर्धन के लिए बोर्ड से मिलने वाले अनुदान के अलावा अन्य क्षेत्रों से चंदा या दान एकत्रित करने व गोवंश की रक्षा व अन्य कार्यों में उपयोग बढ़ाने की बात शामिल है। पत्र के जरिए गोवंश से प्राप्त गोबर व मूत्र का उपयोग खेती किसानी में करने के उपाय भी बताए गए हैं।
इनका कहना है
इनकम टैक्स विभाग ने गोशालाओं को मिलने वाले दान या चंदे को 80जी के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में प्रदेश भर में लोगों व संस्थाओं को गोवंश संरक्षण की मुहिम से जोड़ा जा सकेगा। अब निजी सेक्टर की कंपनियां भी आगे आएंगी।
– स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज, मप्र गो संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष