ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश के अध्यक्ष एसआर मोहंती ने कहा है कि मंडल द्वारा कराई जाने वाली दसवें और बारहवीं की परीक्षाओं में मंडल के प्रयासों के बाद से नकल प्रकरण में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जिन स्कूलों में परीक्षार्थियों की संख्या में अचानक बढोत्तरी हुई है ऐसे स्कूलों की मान्यता को समाप्त करने के लिए उन्होंने संबंधित विभाग को पत्र लिखा है, क्योंकि इस पर मंडल को संदेह हैं। मोहंती ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष से बोर्ड द्वारा बच्चों की अंकसूची पर वेरीफिकेशन के लिए उन्होंने एक क्यूआर कोड डाला है। इससे भविष्य में बच्चों को वेरीफिकेशन से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। परीक्षाओं के समय में बदलाव कर साढे आठ की जगह नौ बजे किया गया है।
मंडल अध्यक्ष मोहंती आज यहां एक मार्च से शुरू हो रही बोर्ड की परीक्षाओं की व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने ब्यौरे बार बताया कि २०१५ में ग्वालियर संभाग में १९४ नकलची पकडे गए। वहीं २०१६ में ९७ और २०१७ में ५२ परीक्षार्थी नकल करते पकडे गए। वहीं चंबल अंचल में २०१५ में २१९०,२०१६ में १५६८, २०१७ में नकलची परीक्षार्थियों की संख्या मात्र ७४५ रह गई। इसी प्रकार राज्य की स्थिति उन्होंने बताते हुए कहा कि २०१३ में ६५३१ छात्र दसवी और बारहवी के पकडे गए थे, २०१४ में ४३७७, १५ में ४४०६, १६ में ४०६७ और २०१७ में २२१४ छात्र ही पकडे गए। मोहंती ने बताया कि राज्य में कुल ३८९३ परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें से ३४९ संवेदनशील और ५८७ अतिसंवेदनशील हैं। मोहंती ने कहा कि इस बार परीक्षा के समय में बदलाव किया गया है। और समय साढे आठ की जगह नौ बजे तक किया गया है। अब बच्चों को साढे आठ बजे से परीक्षा केन्द्र में अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। पौने नौ बजे तक वह अंदर पहुंच जाएंगे वहीं नौ बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर पर्यवेक्षक भी तैनात किये जाएंगे और इन्हें अचानक ही बदला भी जा सकेगा। इसी प्रकार केन्द्राध्यक्ष सह केन्द्राध्यक्ष को भी अचानक बदला जा सकेगा। यह सब नकल रोकने के उददेश्य से किया जाएगा।
मोहंती ने बताया कि इसी के साथ दिव्यांग बच्चों के लिए परीक्षा का समय एक बजे से चार बजे तक का होगा। उन्हें एक घंटा अतिरिक्त भी दिया जाएगा। वहीं राइटर, लेपटाप आईपेड की सुविधा भी ऐसे बच्चों को फारमेट के बाद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इन बच्चों के प्रश्नपत्र भी अलग होंगे। क्यूआर के बारे में उन्होंने बताया कि गत वर्ष इसे निशुल्क दिया गया था। इस वर्ष परीक्षा फीस में ही २० रूपए लगाए गए हैं। इससे बच्चों को वेरीफिकेशन में भविष्य में सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि क्यू आर अंकसूची पर देने वाला देश का पहला राज्य है। एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने बताया कि ग्वालियर चंबल अंचल में लगभग ३४ स्कूल ऐसे चुने गऐ हैं जिनमें पहले मात्र सौ डेढ सौ बच्चे थे और परीक्षा देने के लिए लगभग ५००-७००। ऐसे स्कूलों की मान्यता को समाप्त करने के लिए उन्होंने संबंधित विभाग को लिखा है। यह सब उन्होंने अपने स्तर पर जांच के बाद निर्णय लिया है। हाल ही में समाचार पत्र में सीनियर सैकेड्री बोर्ड मध्यभारत के नाम के बंडल कानपुर में मिलने के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष मोहंती ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर ऐसे संस्थान पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड के अलावा ओपन बोर्ड ही मध्यप्रदेश में अधिकृत है। उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा कॉल सेंटर के माध्यम से बच्चों की मानसिकता बदलने का प्रयास किया जा रहा है वहीं हजारों बच्चे कॉल सेंटर पर कॉल कर परामर्श ले रहे हैें। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा नैतिक शिक्षा का अभियान चलाया है इससे बच्चों और उनके अविभावकों की मानसिकता बदलेगी। उन्होंने बताया कि उनके प्रयासों से रीवा में नकल का खात्मा हो गया है। वहीं अब शेष स्थानों पर भी नकल को समाप्त करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। टाट पटटी पर बच्चों द्वारा परीक्षा दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी परीक्षा केन्द्रों को फर्नीचर अरेंज करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पास के स्कूल में नहीं मिलने पर उसे किराए पर लेने के लिए भी कहा है उसका खर्चा मंडल देगा। जूता मोजा उतारकर परीक्षा देने के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष मोहंती ने कहा कि तलाशी तो ली जाएगी लेकिन जूता -मोजा तलाशी के बाद बच्चा पहन सकता है।