भोपाल। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के निर्देश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मप्र और छत्तीसगढ़ में भी बड़े पैमाने पर तबादले कर दिए। सीवीसी ने बैंकों को निर्देश दिए थे कि लिपिकीय वर्ग के स्टाफ का पांच साल के बाद अन्य ब्रांच में ट्रांसफर किया जाए, लेकिन एसबीआई ने पांच साल पूरे होने से पहले ही हड़बड़ाहट में कई लोगों के तबादले कर दिए।
जानकारी के मुताबिक एसबीआई ने सौ से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए हैं। इससे कुछ कर्मचारियों में नाराजगी भी है। हालांकि वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। दूसरी तरफ, एसबीआई प्रबंधन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है।
एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क व सामाजिक सेवा) त्रिलोचन सिंह ग्रोवर ने कहा कि एसबीआई में पांच साल होने पर तबादले की प्रक्रिया पहले से चली आ रही है, इसलिए बैंक को ज्यादा लोगों को तबादले करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुए तबादले सीवीसी के निर्देश पर नहीं किए गए हैं, यह प्रक्रिया पहले से चल रही थी।
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में बैंक अफसरों की मिलीभगत सामने आने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सभी बैंको को निर्देश जारी किए थे कि दिसंबर 2017 में एक ही ब्रांच में तीन साल पूरे करने वाले अधिकारियों और पांच साल पूरे करने वाले क्लैरिकल स्टाफ को दूसरी ब्रांच भेजा जाए।
ग्रोवर ने कहा कि हमने जो लोग संवेदनशील जगह पर पदस्थ थे, सिर्फ उनका तबादला किया है। उन्हें दूसरे शहर नहीं भेजा, बल्कि उसी शहर में ब्रांच बदल दी है। इसमें कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने खुद तबादले के लिए आवेदन किया था।