तय वक्त के बाद इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना देना पड़ेगा। लेट फीस 1,000 से 10,000 रुपए तक होगी। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इस बारे में सर्कुलर जारी किया है। इसे 1 अप्रैल, 2018 से अप्लाई किया जाएगा। जुर्माना वसूली के लिए इनकम टैक्स लॉ में सेक्शन 234 थ् शामिल की गई है। आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है।
असेसमेंट ईयर 2018-19 यानी फायनेंशियल ईयर 2017-18 के लिए लेट फीस की दो कैटेगरी बनाई गई हैं। यदि सालाना कमाई 5 लाख रुपए तक है तो लेट फीस के तौर पर 1,000 रु. देने होंगे। इससे ज्यादा कमाई पर जुर्माना 5,000 से 10,000 रु. तक हो सकता है। तय वक्त के बाद 31 दिसंबर के पहले रिटर्न फाइल करने पर 5,000 रु. जुर्माना लगेगा। 31 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना 10,000 रुपए का होगा।
टैक्स न देने पर क्या है कानून?
अगर सालाना इनकम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। अगर इनकम टैक्सेबल है और इस इनकम पर टैक्स नहीं भरा जाता है तो सरकार उसके खिलाफ केस चला सकती है और दो साल तक की जेल भी हो सकती है। इसके अलावा टैक्स के अमाउंट पर इंटरेस्ट के साथ पेनाल्टी भी देनी पड़ सकती है। इसके तहत टैक्सपेयर को 3 माह से लेकर 2 साल तक सश्रम कारावास की सजा हो सकती है।
किन लोगों को हो सकती है 7 साल तक की सजा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर किसी पर 25 लाख रुपए से ज्यादा का टैक्स बनता है और वह यह टैक्स नहीं चुकाता है तो उसे 6 महीने से लेकर 7 साल तक जेल की हो सकती है।