मुंबई। दुनिया की पहली हाइपरलूप मुंबई से पुणे के बीच चलने वाली है। रविवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाइपरलूप की आधारशिला रखी। इसके चलने के बाद से मुंबई और पुणे के बीच की 150 किलोमीटर की दूरी काफी कम हो जाएगी। फिलहाल मुंबई से पुणे जाने में लगभग 3 घंटे लगते हैं जो हाइपरलूप के बाद घटकर 20 मिनट रह जाएंगे।

पिछले साल साइन हुआ था करार
मुंबई और पुणे के बीच हाइपरलूप चलाने को लेकर वर्जिन ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार के बीच करार हुआ है। पिछले साल मई में वर्जिन ग्रुप ने महाराश्ट्र सरकार के साथ मेमोरेंडम फ अंडरस्टैंडिंग साइन किया था। इसके तहत 3 सालों में वर्जिन टेस्ट ट्रैक का निर्माण करेगा और 6 सालों में मुंबई-पुणे के बीच हाइपरलूप का काम पूरा किया जाएगा। रविवार को इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी।

1000 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी रफ्तार
महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन के पहले दिन वर्जिन ग्रुप के चेयरमैन रिचर्ड ब्रैन्सन ने कहा, ‘हमने महाराष्ट्र के साथ हाइपरलूप का करार किया है। इसकी शुरुआत परीक्षण के लिए ट्रैक बनाने के साथ होगी। इसके जरिये 15 करोड़ यात्री सलाना सफर कर पाएंगे।’ हाइपरलूप को मुंबई-पुणे के अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी जोड़ा जाएहा। इसकी रफ्तार 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। इसे देश के सबसे बिजी एक्सप्रेस-वे मुंबई-पुणे हाइवे के साथ-साथ बनाया जाएगा। यात्रियों के साथ-साथ कार्गो ऑपरेशन के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा।

एलन मस्क के दिमाग की उपज है हाइपरलूप
हाइपरलूप हवाई जहाज की स्पीड से यात्रियों और कार्गो ऑपरेशन के लिए बनाया गया था। ये टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क का आइडिया था। हाइपरलूप के जरिये मुंबई और पुणे के बीच खंभों पर एक ट्यूब बिछाई जाएगी जिसके अंदर हाइपरलूप ट्रेन दौड़ेगी। ये ट्रेन चुंबकीय शक्ति से ट्यूब के अंदर हवा में दौड़ेगी। ये इसके लिए सोलर पावर और विंड पावर का इस्तेमाल किया जाएगा। कहा जा रहा है कि हाइपरलूप का किराया हवाई यात्रा के मुकाबले काफी कम होगा।

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