अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने म्यांमार की सरकार पर रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए जिंदगी को ‘मौत की सजा’ बना देने का आरोप लगाया है। हेली ने द असोसिएटेड प्रेस और अन्य समाचार संगठनों की सामूहिक कब्र वाली रिपोर्टिंग का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए। उन्होंने सुरक्षा परिषद में मंगलवार को अपने भाषण की शुरुआत बांग्लादेश में रह रहे म्यांमार के एक शरणार्थी नूर कादिर द्वारा ‘एपी’ को बताए गए अनुभव से की।
कादिर ने एपी को बताया था कि वह म्यांमार के सैनिकों के हमले से कैसे बचे और 6 दिन के बाद उन्होंने पाया कि उनके दोस्तों के शव ‘सामूहिक कब्रों’ में दफन हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि म्यांमार नियमित रूप से नरसंहार और सामूहिक कब्र की बात को नकारते हुए ‘आतंकवाद’ से लड़ने का दावा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘कादिर ने उस दिन जो देखा, उससे साफ है कि सेना जानती थी कि वह गलत कर रही है और वह यह भी नहीं चाहती थी कि दुनिया इस बात को जाने।’ हेली ने रॉयटर्स के दो संवाददाताओं द्वारा खोजे गए ‘अन्य नरसंहार और सामूहिक कब्र’ के सबूत का भी हवाला दिया। ये दोनों संवाददाता अभी जेल में हैं।