भोपाल। गोविंदपुरा सर्किल के एसडीएम मुकुल गुप्ता के रीडर राजेंद्र राजपूत को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथों धर दबोचा। राजपूत ने आयोध्या नगर निवासी बालमुकुंद साहू से जमीन का डायर्सन न कराने के मामले में चल रहे केस का खात्मा लगाने के लिए पांच हजार रुपए की मांग की थी। इसमें से दो हजार रुपए साहू शुक्रवार को दे चुके थे। शेष तीन हजार स्र्पए सोमवार को देना तय हुआ था।

\बालमुकुंद ने बताया कि उसके पास उसकी पत्नी मालती के नाम 35 डेसीबल (436 स्क्वायर फीट) जमीन है। इसका 2014-15 से डायसर्वन नहीं हुआ था। इस मामले को लेकर आरआई दर्शनलाल नेगी उनके घर पहुंचकर धमकी देकर गया था कि डायर्वसन शुल्क जमा नहीं करोगे तो कार्रवाई कर दूंगा।

वहीं मामले को निपटाने के लिए 10 हजार स्र्पए भी मांगे थे। वहीं दूसरी तरफ एसडीएम मुकुल गुप्ता ने भी इस मामले में 8 फरवरी को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान गलत दस्तावेज पेश करने को और रिपोर्ट गलत बताने के मामले में फटकार भी लगाई थी और अगली सुनवाई 15 फरवरी को रखी गई थी। इसी के चलते बालमुकुंद डरे हुए थे। इस बीच राजेंद्र राजपूत से बात करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति ने कहा।

राजपूत से बात करने पर पांच हजार स्र्पए में मामला निपटाने का सौदा पक्का हुआ। इस पर बालमुकुंद ने दो हजार स्र्पए तो तत्काल दे दिए, लेकिन मामले की शिकायत लोकायुक्त में कर दी। इधर लोकायुक्त ने मामले की गंभीरता से लेते हुए डीएसपी साधना सिंह गौर के नेतृत्व में तीन इंस्पेक्टरों की टीम बना दी। तय समय पर टीम के साथ दोनों गोविंदपुरा सर्किल पहुंचे। जहां 12 बजे राजपूत को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया।

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