ग्वालियर । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा दिव्यांगजन शारीरिक कमजोरी को जिंदगी पर हावी न होने दें। अपनी प्रतिभा को पहचानें। यही प्रतिभा जिंदगी में आगे बढ़ने का आत्मबल प्रदान करेगी। राष्ट्रपति कोविंद ने यह बात ग्वालियर में आयोजित हुए “नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह” में मौजूद दिव्यांगों का आहवान करते हुए कही। उन्होंने दिव्यांगों से कहा कि उपकरण सहयोग के लिये हैं, उन्हें सहारा न बनाएँ। अपनी प्रतिभा और छिपी ताकत को जगाएँ, फिर ये धरती और आसमां आपका होगा।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह और उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे। समारोह में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण तथा केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डी गैमलिन, संयुक्त सचिव डॉ. प्रबोध सेठ, संभाग आयुक्त बी एम शर्मा, सीएमडी एलिम्को डी आर सरीन, आईजी अंशुमन यादव व कलेक्टर राहुल जैन सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन, वरिष्ठसजन एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
एडिप एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत इस मेगा शिविर में 4 हजार 271 दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिकों को लगभग 2 करोड़ 90 लाख रूपए लागत के 8 हजार 108 कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदान किए गए। साथ ही ग्वालियर जिले को दिव्यांग मित्र बनाने के लिये चलाए गए अभियान के तहत चिन्हित किए गए करीबन 1400 दिव्यांगजन को रोजगार, स्वरोजगार व नौकरी इत्यादि के प्रमाण-पत्र सौंपे गए।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि खुशी की बात है केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर न केवल दिव्यांगों को सहायक उपकरण मुहैया करा रही है, बल्कि उनके समग्र कल्याण की दिशा में समावेशी शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार व सामाजिक सुरक्षा के लिये भी शिद्दत के साथ प्रयासरत है। दिव्यांग व वृद्धजन को सरकार द्वारा अत्याधुनिक सहायक उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। सरकार इस लक्ष्य के साथ काम कर रही है कि कोई भी दिव्यांग बगैर सहायता के न रहे। सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में दिव्यांगों के लिये रोजगार के अवसर पर भी तलाशे जा रहे हैं। भारत सरकार ने नौकरियों में दिव्यांगों के आरक्षण का कोटा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है। दिव्यांगों के लिये आरक्षित रिक्त पदों को भरने के लिये भी विशेष अभियान सरकार चला रही है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा देश में ऐसे कई दिव्यांगों के उदाहरण मौजूद हैं, जो दूसरों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बने हैं। उन्होंने खासतौर पर अण्डर-19 क्रिकेटर चैन्नई की प्रीति श्रीनिवासन का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रीति श्रीनिवासन ने सोलफ्री एनजीओ का गठन कर उल्लेखनीय काम किया है। इसी तरह दिव्यांग दीपा मलिक व सज्जन सिंह गुर्जर ने अपने पक्के इरादों की बदौलत अपना और देश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति ने प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सुधा चंद्रन का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने पैरों की कमजोरी को ताकत बनाकर नृत्य के क्षेत्र में देश ही नहीं दुनिया भर में नाम कमाया। इसी तरह दृष्टिबाधित जगदगुरू राम भद्राचार्य ने 120 पुस्तकें लिखीं और चित्रकूट में उनके द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान से निकले दिव्यांग दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने त्रेतायुगीन ऋषि अष्टावक्र की प्रेरणादायक कहानी भी सुनाकर दिव्यांगों को प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगों की पीड़ा बांटने के लिये ग्वालियर में इस मेगा शिविर का आयोजन एक सराहनीय पहल है। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी हरियाणा, मध्यप्रदेश सरकार, जिला प्रशासन एवं एलिम्को तथा इस आयोजन से जुड़ीं धरा फाउण्डेशन सहित अन्य संस्थायें बधाई की पात्र हैं।
ग्वालियर की तर्ज पर पूरे प्रदेश में चलेगा दिव्यांग मित्र अभियान – मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की भावनाओं के अनुरूप ग्वालियर में दिव्यांग व वरिष्ठजनों के लिये मेगा शिविर के रूप में अदभुत कार्यक्रम हुआ है। इस आयोजन में सहायक उपकरण वितरण के साथ-साथ 1400 दिव्यांगों को स्वरोजगार, रोजगार व नौकरी देने का काम भी किया गया है। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ग्वालियर जिले में चलाए जा रहे दिव्यांग अभियान की तर्ज पर पूरे प्रदेश में दिव्यांगों के कल्याण के लिये अभियान चलाया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा हमारे थोड़े से सहयोग से दिव्यांग भी विभिन्न क्षेत्रों में नए प्रतिमान गढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक लाख 67 हजार दिव्यांगों के यूनिक आईडी कार्ड जारी किए गए हैं। सरकार दिव्यांग विवाह पर 2 लाख की सम्मान राशि देती है। प्रदेश के 4 लाख दिव्यांगों के खातों में एक क्लिक से राशि पहुंचाई जाती है। सरकार प्रतिमाह 500 रूपए की दिव्यांग पेंशन दे रही है।
किसी को पीड़ाग्रस्त नहीं रहने देने के संकल्प के साथ लगा शिविर – प्रो. सोलंकी
हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि किसी भी दिव्यांग व वृद्धजन को अभावग्रस्त एवं पीड़ाग्रस्त नहीं रहने देने के संकल्प के साथ इस शिविर का आयोजन हुआ है। हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी ने मध्यप्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व एलिम्को के सहयोग से यह शिविर लगाया गया है। उन्होंने कहा हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी मानव कल्याण के सात सूत्रों को लेकर सेवाभाव में जुटी है। इनमें मानवता, तटस्थता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, स्वैच्छिक सेवा, सार्वभौमिकता शामिल हैं। इसके लिये हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी को वर्ष 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी अंतर्राज्यीय शिविरों का आयोजन करती है। इसी के तहत ग्वालियर के शिविर में भी हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी सहयोग कर रही है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय की 50वीं पुण्यतिथि पर हुई पुनीत पहल – केन्द्रीय मंत्री तोमर
केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की 50वीं पुण्यतिथि पर ग्वालियर में दिव्यांग एवं वृद्धजनों के सहायतार्थ पुनीत आयोजन हुआ है। दिव्यांग व वृद्धजन को समाज व सरकार से जो सहकारिता मिलनी चाहिए, वह इस शिविर में सार्थक हो रही है। उन्होंने इस आयोजन से जुड़ीं सभी संस्थाओं के प्रति कृतज्ञता जताई। उन्होंने कहा भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय प्रधानमंत्री की मंशा पर खरा उतर रहा है।
दिव्यांगों के कल्याण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय – गेहलोत
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय अब तक 6 हजार 250 से अधिक कैम्प लगा चुका है। इसी कड़ी में ग्वालियर में 282वाँ मेगा कैम्प आयोजित किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से पिछले साढ़े तीन साल के दौरान 600 करोड़ की लागत से साढ़े 9 लाख से अधिक लाभार्थियों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। गेहलोत ने कहा कि समाज कल्याण के क्षेत्र में भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय 5 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है। सरकार ने दिव्यांगों के हितों को ध्यान में रखकर कानून में भी बदलाव किया है। पहले दिव्यांगों की 7 श्रेणी होती थीं जो अब 21 हो गई हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ दिव्यांगों के लिये सरकारी नौकरियों में 6 प्रतिशत पद आरक्षित हैं। साथ ही दिव्यांगों को अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक पेंशन भी दी जाती है।
स्मार्ट फोन, स्मार्ट केन से लेकर मोटराईज्ड ट्राइस्किल तक बटीं
नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में एडिप योजना के तहत 119 बैटरी चलित ट्राइस्किल, 762 ट्राइस्किल, 277 व्हीलचेयर, 1236 बैशाखी, दृष्टिबाधितों के लिये 50 स्मार्ट फोन, 34 ब्रेल केन (छड़ी), 36 ब्रेल किट व 19 ब्रेल स्लेट, 30 डेजी प्लेयर, तथा बैटरी से संचालित 127 स्मार्ट केन वितरित की गई। इसके अलावा श्रवण बाधितों को 742 कान की मशीन, चलने में असमर्थ बच्चों के लिये 38 रोलेटर, मानसिक दिव्यांगों के लिये 268 एमएसआईडी किट, अस्थि बाधित दिव्यांगों के लिये 324 कैलीपर्स व प्रोस्थेसिस (कृत्रिम अंग), कुष्ठ रोगियों के लिये 26 एडीएल किट व इतने ही सेलफोन एवं सेरीब्रिल पॉलिसी अवस्था के तीन दिव्यांगों को सीपी चेयर वितरित की गईं।
बुजुर्गों को मिले नजर के चश्मे, ट्राइपेड व छड़ीं
राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत 1089 वॉकिंग स्टिक, 806 नजर के चश्मे, 250 व्हीलचेयर, 773 श्रवण यंत्र, 417 ट्राइपोड, 197 टेट्रापोड, 85 कृत्रिम दांत (बत्तीसी), 14 बैशाखी व तीन फोल्डेबल वॉकर वितरित हुए।
समारोह का शुभारंभ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। आरंभ में राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। राष्ट्रपति को स्मृति स्वरूप शालभंजिका की मूर्ति भेंट की गई।