भोपाल। पुलिस मुख्यालय की सीआईडी में पदस्थ उप निरीक्षक अमर सिंह ने पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि अदालत उन्हें दोषमुक्त कर दिया है लेकिन निलंबन अवधि में शुरू हुई विभागीय जांच का निराकरण नहीं किया जा रहा है। एसआई ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप भी लगाया है।
भोपाल जिले में पदस्थ रहे तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक अमर सिंह को 2006 में विधायक विश्रामगृह में सुदर्शन सिंह नामक व्यक्ति से वाहन चोरी के मामले में छोड़ने के लिए कथित रूप से 20 हजार रुपए की रिश्वत लिए जाने का आरोप लगा था। इसमें पुलिस में एफआईआर भी हुई थी।
इसके बाद अमर सिंह को निलंबित कर दिया गया था और विभागीय जांच भी शुरू की गई थी। सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले में अदालत ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया जिसमें शासन ने अपील भी नहीं की। इसके बाद भी विभागीय जांच में दी गई सजा का आज तक निराकरण नहीं किया गया।
वहीं इस मामले में पुलिस मुख्यालय के आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर का कहना है कि एसआई ने आवेदन दिया है जिसमें बताई गई समस्या की न्यायोचित कार्रवाई की जा रही है। मांगों में पेचीदगियां हैं। इधर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय भोपाल राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि विभागीय जांच का निराकरण राज्य शासन स्तर पर लंबित है। उन्होंने कहा कि अमर सिंह स्वयं ने ही हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है जिससे इसमें फैसला नहीं हो पा रहा।