नई दिल्ली | सरकार ने सीमा पर पाकिस्तान के साथ बढ़ रहे तनाव को लेकर उभर रही अंधराष्ट्रीयता के खिलाफ  आगाह किया। सरकार ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या को लेकर जहां पूरा देश आक्रोशित है, वहीं प्रतिक्रिया देने की जिम्मेदारी अधिकृत पेशेवरों पर छोड़ देनी चाहिए। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां एक कार्यक्रम के इतर मौके पर कहा, आक्रोश स्वाभाविक है, लेकिन अंधराष्ट्रीयता से बचने की आवश्यकता है

तिवारी का यह बयान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान के प्रतिक्रियास्वरूप है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि भारतीय सैनिक का लापता सिर पाकिस्तान से वापस नहीं लाया गया तो सीमा पार से कम से कम 10 सिर लाए जाने चाहिए।  तिवारी ने कहा, “हमारे सैनिकों के साथ जिस तरह का बरताव किया गया है, निस्संदेह पूरा देश आक्रोशित है। लेकिन इस पर प्रतिक्रिया देने की जिम्मेदारी उन पेशेवरों पर है, जिन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।” तिवारी ने कहा, “शांति बनाए रखने की आवश्यकता है.. थोड़ा संयम रखा जाए।” तिवारी ने सीमाई तनाव पर सरकार और सेना की प्रतिक्रियाओं में कोई फर्क होने से इंकार किया। उन्होंने कहा, “हमारे विचारों में कोई अंतर नहीं है। हमने अपनी चिंता और आक्रोश जाहिर किए हैं। हमें प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी पेशेवरों पर छोड़ देनी चाहिए।” ज्ञात हो कि जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर छह जनवरी को भारतीय सैनिकों द्वारा की गई कथित गोलीबारी में एक पाकिस्तानी सैनिक की मौत के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाई तनाव बढ़ गया है।  इसके दो दिनों बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने आठ जनवरी को दो भारतीय सैनिकों की जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में मेंढर सेक्टर में हत्या कर दी थी और उनके शव क्षत-विक्षत कर दिए थे। ये दोनों सैनिक राजपूताना राइफल्स के लांस नायक सुधाकर सिंह और लांस नायक हेमराज थे।

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