उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब पीड़ित के परिवार ने मृतक को लेकर नया खुलासा किया है। मंगलवार (6 जनवरी, 2018) को गुप्ता के परिजनों ने बताया कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा से एक दिन पहले चंदन ने एक मुस्लिम युवा को अपना खून दिया था। ये जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से है। बता दें कि चंदन की मृत्यु के बाद से परिजन उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। परिजानों का कहना है कि ‘भारत माता’ को सम्मान देते समय चंदन को गोली लगी है।
इस मामले में मृतक की बहन ने तीन पेजों का पत्र भी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को भेजा है, जिसमें चंदन को शहीद घोषित करने की मांग की गई। पत्र में लिखा गया है, ’26 जनवरी, 2018 से कुछ दिन पहले ही चंदन ने एक मुस्लिम को अपना खून दिया और उसकी जान बचाई। मेरा भाई चंदन गुप्ता गरीबों को कपड़े देता, उनको खाना खिलाता और स्वास्थ्य चिकित्सा करवाता था। मेरा भाई लोगों को गलत काम करने से रोकता था।’ पत्र में आगे लिखा गया, ‘अगर हिंदुस्तान में रहकर ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ बोलना गलत है तो मेरे भाई को दोषी करार दें।’
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 2018) पर निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। चंदन की मां पहले ही कह चुकी हैं कि उनके बेटे को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बोलने को कहा जा रहा था। ऐसा ना बोलने पर उसे गोली मार दी गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने बेटे के लिए न्याय की भी मांग की है।
चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उसे दबोचने की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी। चंदन की हत्या के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया था। हिंसक घटनाओं में संपत्तियों को व्यापक नुकसान पहुंचा। यहां तक कि रोडवेज के बसों को भी जला दिया गया था।