भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के परिवार वालों को पश्चिम बंगाल सरकार के एक कार्यक्रम में अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। हालांकि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कार्यक्रम सम्मान के लिए ही आयोजित किया था। ममता सरकार ने दरअसल खेल के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देने वाले खिलाड़ियों के लिए कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में 24 जनवरी को ‘खेल सम्मान’ कार्यक्रम रखा था। इसके लिए मोहम्मद शमी के पास भी निमंत्रण भेजा गया था। पत्र में उनसे 12 बजे मौके पर मौजूद रहने के लिए भी कहा गया था, लेकिन शमी इस दौरान दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया के लिए गेंदबाजी कर रहे थे। शमी की गैर मौजूदगी में उनकी पत्नी हसीन जहां और परिवार के अन्य सदस्य कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। लेकिन जब पुरस्कार के लिए शमी के नाम की घोषणा हुई तो उनकी पत्नी को उनका अवॉर्ड लेने के लिए मंच पर नहीं बुलाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यक्रम से जुड़े एक शख्स ने नाम न जाहिर करने की शर्त में यह बात बताई। यह पहला मौका नहीं है जब शमी को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा हो, इससे पहले कई बार सोशल मीडिया पर पत्नी के साथ वाली तस्वीरें शेयर करने पर शमी लोगों के निशाने पर रहे हैं। वह सोशल मीडिया पर लोगों के भद्दे कमेंट्स का शिकार हो चुके हैं। बता दें दक्षिण अफ्रीकी दौरे में आखिरी जोहानिसबर्ग टेस्ट टीम इंडिया शमी की कहर बरपाती गेंदबाजी की वजह से जीतकर ही लाज बचा पाई। शमी ने दूसरी पारी में 28 रन देकर मेजबान टीम के 5 विकेट झटककर टीम इंडिया को मैच जिता दिया।

टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य दिया था। लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम चौथे दिन चाय के कुछ की देर बाद 177 रन पर ऑल आउट हो गई। शमी ने लुंगी एनगिडी को विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के हाथों कैच कराकर दक्षिण अफ्रीकी टीम की हार और टीम इंडिया की जीत पर मुहर लगाई। तीन मैचों की सीरीज के शुरुआती दो मैच गंवाकर टीम इंडिया ने सीरीज गंवा दी थी। उसके पास इस विदेशी दौरे पर लाज बचाने का आखिरी मौका था। ऐसे में कम स्कोर के मैच में टीम इंडिया की जीत शमी के शानदार प्रदर्शन से ही तय हो सकी।

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