अमेरिकी सरकार बंदी की कगार पर आ गई है. पिछले पांच वर्षों में ऐसा पहली बार इसलिए हो रहा है क्योंकि सीनेटर्स ने सदन द्वारा पारित फंडिंग बिल को खारिज कर दिया है. इसी बिल के जरिए सरकार को 16 फरवरी तक की फंडिंग सुनिश्चित थी. अमेरिकी सरकार आधिकारिक तौर पर बंदी का सामना कर रही है.
‘द हिल’ के मुताबिक बिल को पारित करने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी और उस संख्या के मुकाबले 48 सीनेटरों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की है. केवल पांच डेमोक्रेटों ने बिल के पक्ष में मतदान किया है.
डेमोक्रेट सीनेटर राजनीतिक खतरे का उल्लेख करते हुए स्टॉपगैप स्पेंडिंग पर रोक लगा चुके हैं. इसके बाद शनिवार सुबह कई सरकारी दफ्तर आधिकारिक तौर पर बंद रहे.
इस बड़े आर्थिक संकट के बाद अमेरिका के कई सरकारी विभाग बंद करने पड़ेंगे और लाखों कर्मचारियों को बिना सैलरी के घर बैठना होगा. शटडाउन पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने कहा कि डेमोक्रट सांसदों ने राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी हितों के ऊपर रखा है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि टैक्स कटौती और अमेरिका की बढ़ती अर्थव्यवस्था के खिलाफ डेमोक्रेट सीनेटर शटडाउन चाहते हैं. ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था शायद अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में है और देश बेहतरीन काम कर रहा है.
राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी का पहले साल पूरा होने के मौके पर ट्रंप ने कहा, ‘आप नौकरी की संख्याओं को देखें या हमारे देश में वापस आने वाली कंपनियों को देखें, आप स्टॉक मार्केट को देखें जो सवार्धिक ऊंचाई पर है, बेरोजगारी पिछले 17 साल में सबसे निचले स्तर पर है.’ जबकि सरकारी खर्चों को लेकर महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयक पर संसद की मंजूरी नहीं मिलने से सरकार को ‘शटडाउन’ करना पड़ा है.