न्यायपालिका के ‘सुप्रीम विवाद’ को सुलझाने की कोशिशों के तहत गुरुवार की सुबह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ नाराज चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ की मीटिंग पूरी हो गई है. चीफ जस्टिस के साथ मीटिंग में चार और जज भी मौजूद रहे. इनमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस यूयू ललित भी मौजूद रहे. चीफ जस्टिस के साथ जजों की ये मीटिंग करीब 30 मिनट तक चली.
बता दें कि यह बैठक करीब एक हफ्ते के बाद हुई है, जब सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कुछ मामलों में ‘सेलेक्टिव’ अप्रोच अपनाने पर सवाल उठाया था.
इससे पहले माना जा रहा था कि मुख्य न्यायाधीश बुधवार को चार नाराज जजों से लंच पर मिल सकते हैं, लेकिन जस्टिस चेलमेश्वर ने छुट्टी ले ली और यह बैठक नहीं हो पाई.
मंगलवार को चीफ जस्टिस मिश्रा ने चार जजों के साथ 15 मिनट की कॉफी पर मुलाकात की थी. इस बैठक में कोर्ट के तीन और जज भी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक सीजेआई मिश्रा ने बागी जजों के साथ सभी मुद्दों पर बात की और बैठक में सहमति और असहमति के तमाम मसलों पर चर्चा की गई.
माना जा रहा है कि गुरुवार को हुई मुलाकात में चार जज अपनी मांग पर कायम रह सकते हैं. इसके साथ ही जज अपनी मांग का एक मेमोरेंडम भी चीफ जस्टिस को सौंप सकते हैं.
वहीं चीफ जस्टिस, चार जजों के सामने अपना प्लान ऑफ एक्शन पेश कर सकते हैं, जिसमें वे बता सकते हैं कि कोर्ट की कार्ययोजना कैसे बनती है और किस तरह महत्वपूर्ण मामलों को आवंटित किया जाता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार को सलाह देते हुए कहा था कि मामलों के आवंटन के लिए एक प्रक्रिया बनाई जाए.