सरकार ने मंगलवार को 3547 करोड़ रुपये की लागत से असॉल्ट राइफल और कार्बाइन की खरीद को मंजूरी दी। इससे 72 हजार असॉल्ट राइफल और 93,895 कार्बाइन आएंगी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने खरीद को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सीमा पर तैनात बल की तत्काल आवश्यकताओं को देखते हुए इस फास्ट ट्रैक खरीद का फैसला लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए टेंडर जल्द जारी होंगे। सरकार से सरकार स्तर पर भी यह खरीद हो सकती है। रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि मेक इन इंडिया के तहत रक्षा डिजाइन और उत्पादन में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया की मेक-2 वर्ग में भी बदलाव किया है। मेक-2 प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के न्यूनतम मानक जैसे क्रेडिट रेटिंग और कुल वित्तीय संपत्ति में भी बदलाव किए गए हैं।
दावा है कि डीसीए ने सरकारी नियंत्रण कम करने और उद्योगों के लिए मित्रवत बनाने के लिए प्रक्रिया में बदलाव किए हैं। इस परिवर्तित प्रक्रिया के बाद उद्योगों के स्वप्रेरणा प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय स्वीकार्य कर पाएगा। वहीं स्टार्टअप भी सेना के लिए उपकरण विकसित कर पाएंगे। इसके पहले की मेक-2 प्रक्रिया में सिर्फ दो वेंडर प्रोटोटाइप उपकरण विकसित करने के लिए चयनित हो पाए थे। दावा है कि नई आसान प्रक्रिया में ज्यादा वेंडर हिस्सा ले पाएंगे। उन्हें विस्तृत योजना रिपोर्ट भी दाखिल करने की जरूरत नहीं होगा।