जबलपुर। एक मां अपने बच्चों को लाख जतन करके पालती है। खुद आधा पेट खाना खाकर उन्हें पेट भर भोजन कराती है। उसे उम्मीद होती है कि जब बेटा बड़ा होगा तो वो उसकी देखभाल करेगा। लेकिन कई बार पूत कपूत निकल जाता है।

कुछ ऐसा ही मामला शनिवार को गोहलपुर थाना अंतर्गत नंदन विहार में देखने मिला। जहां एक कलयुगी बेटे ने अपनी मां को झुलसा देने वाली गर्मी में मरने के लिए छोड़ दिया। वो दिन भर खुले आसमान से बरसती आग में तड़पती रहती लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं होता था।

एक वृद्ध मां की वेदना और पीड़ा देखकर पड़ोसियों को रोना आ जाता था, किंतु बेटे बहू और नाती को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। अंतत: एक गुमनाम पत्र लिखकर पड़ोसियों ने जिला कलेक्टर को एक मां की पीड़ा से अवगत कराया। उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को भेजकर वृद्धा को मुक्त कराया।

जानकारी के अनुसार नंदन विहार त्रिमूर्ति नगर में गुप्ता परिवार का घर है। घर के मुखिया की वृद्ध मां सहित पत्नी और बच्चे भी साथ ही रहते हैं। कुछ महीने पहले तक सबकुछ ठीक चल रहा था, इसके बाद बेटे ने मां से जमीन जायदाद अपने नाम करवा ली। नाम पर जायदाद होते ही बेटे ने मां को खुली छत पर एक पुरानी खाट देकर शिफ्ट कर दिया।

पहले वृद्धा को भूख प्यास लगती तो वह नीचे घर के अंदर आ जाती थी, जिससे परेशान होकर उन्होंने सीढिय़ों पर दरवाजा लगा दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वृद्धा को बासी रोटी, खराब बर्तनों में पानी आदि दिया जाता था। छांव के नाम पर पन्नी लगाई कलेक्टर के आदेश के बाद तहसीलदार व पुलिस बल जब वृद्धा का हाल जानने घर पहुंचा तो वे दंग रह गए।

आग उगलते सूरज की गर्मी में जल रही वृद्ध मां डरी सहमी चहका देने वाली छत पर दुबकी बैठी थी। उसके लिए छांव के नाम पर एक पन्नी लगी हुई थी, जो नाकाफी थी। जल पर जहां नंगे पैर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था, वहां वृद्धा अपने को समेटे हुए बैठी थी। जानकारी के अनुसार वृद्धा को कई महीने से इसी छत पर अकेले रहना पड़ रहा है। पड़ोसियों ने उन्हें वृद्धाश्रम में रखने के लिए अधिकारियों से कहा है।