भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मीटिंग में सीएम यादव ने कन्यादान योजना में संशोधन समेत कई विकास कार्यों पर चर्चा की। इसके बाद कई प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी गई। मीटिंग में नई तबादला नीति पर तो चर्चा हुई, लेकिन कर्मचारियों को प्रमोशन को लेकर कोई बात नहीं हुई।
सीएम ने अगली कैबिनेट मीटिंग तक नई नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 1 से 30 मई के बीच कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाएंगे। अगली कैबिनेट में सरकार ट्रांसफर पॉलिसी 2025 लेकर आएगी। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि मीटिंग में कई प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।
ये प्रस्ताव हुए पास
ट्रांसफर पॉलिसी को स्वीकृति दी गई है। सूबे में 1 से 31 मई तक सरकारी विभागों में तबादले होंगे।
मुख्यमंत्री कन्यादान निकाह योजना में संशोधन किया गया है। अब कम से कम 11 और अधिकतम 200 जोड़ो को इसमें शामिल किया जा सकेगा।
हितग्रहियों को पहले की तरह 49000 रुपये की राशि मिलती रहेगी।
प्रदेश के सभी 9 टाइगर रिजर्व जोन में हादसे रोकने के लिए 145 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य करवाए जाएंगे।
27 मई को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 500 से अधिक कंपनियां शामिल होंगी।
सभी जिला प्रभार वाले मंत्रियों को जल गंगा संवर्धन की सतत निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, जिलों में मौजूद तालाबों की खुदाई की जरूरत और संभावनाओं पर काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गेहूं उपार्जन के तहत किसानों को 175 रुपये अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। 5 मई तक 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
ग्वालियर में टेलीकॉम सेक्टर स्थापित होगा, जिस पर 12000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इससे 5000 रोजगार सृजित होंगे।
पोप के निधन पर प्रदेश में भी 22 से 24 अप्रैल तक राष्ट्रीय शोक रहेगा।
नई तबादला नीति 2025 का प्रस्ताव अगली कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। मध्य प्रदेश में इससे पहले तबादला नीति 2021-22 में लागू की गई थी। इस नीति का फायदा उन कर्मियों को मिलेगा, जिनका 2 साल से ट्रांसफर पेंडिंग है।
गंभीर बीमारी से पीड़ित कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा और हेल्थ विभाग में ऑनलाइन तबादले किए जाएंगे। सभी तबादले स्वैच्छिक आधार पर होंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20 फीसदी से अधिक तबादले नहीं हो सकेंगे। जिलों के अंदर तबादलों की पावर मंत्रियों को दी जाएगी। गजेटेड अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए सीएम की स्वीकृति जरूरी होगी।