नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर से मंगलवार को कहा कि उन्हें एक ‘सामान्य उम्मीदवार’ और एक ‘दिव्यांग उम्मीदवार’ के रूप में परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अलग-अलग अवसर नहीं मिल सकते। खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) तथा दिव्यांगता कोटा का लाभ उठाने का आरोप है।