नीमच: मध्यप्रदेश के नीमच में बेहद अजीब मामला सामने आया है. जावद जनपद पंचायत के सीईओ आकाश धारवे का बेटमा तहसीलदार जगदीश रंधावा ने 5 पटवारी और एक महिला के साथ मिलकर अपहरण कर लिया. सीईओ को काली स्कॉर्पियो में जबरन बैठाकर इंदौर की तरफ भागे. सीईओ धारवे के भाई ने सुबह फोन पर पुलिस को घटना की सूचना दी.
नीमच पुलिस ने उज्जैन पुलिस की मदद से जनपद सीईओ को नागदा के समीप से मुक्त कराया है. मौके से एक तहसीलदार, एक महिला सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तहसीलदार इंदौर जिले में पोस्टेड बताया जाता है. अपहरण का यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस मामले में आगे जांच कर रही है. आरोपियों में तहसीलदार जगदीश सिंह, पटवारी प्रमोद दास, अजय सिंह, अजय उच्छावल, पिंकी सिंह के साथ 8 अज्ञात शामिल हैं.
नीमच कैंट टीआई पुष्पा सिंह चौहान ने बताया कि शहर के किलेश्वर रोड स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी से जनपद पंचायत जावद के सीईओ आकाश धार्वे के अपहरण की सूचना गुरुवार को उनके भाई ने थाने पर दी. इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा प्रकरण क्रमांक 72/2025 दर्ज किया. शुरुआती जांच में सामने आया कि बुधवार रात कुछ लोगों ने जनपद सीईओ के निवास पर विवाद किया था. सुबह यही लोग एक स्कार्पियो और एक बोलेरो से जनपद सीईओ का अपहरण कर ले गए. इस सूचना के बाद से उज्जैन पुलिस से संपर्क साधा गया.
नीमच पुलिस ने नागदा के समीप से जनपद सीईओ आकाश धार्वे को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराया. मौके से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपहरण में उपयोग किए गए दोनों वाहन भी जब्त किए हैं. पकड़े गए आरोपियों में एक तहसीलदार, एक महिला सहित 6 आरोपी शामिल है. तहसीलदार इंदौर जिले में पदस्थ है. अपहरण का यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है. मामले में सभी पहलुओं को सामने रख जांच की जा रही है.
इधर, नीमच एसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया, ‘शुरुआती जांच में सामने आया है कि सीईओ धारवे धार निवासी हैं. 2014 में उनकी शादी की बात साल धार की ही पिंकी सिंह से चली थी. पिंकी तहसीलदार जगदीश रंधावा की रिश्तेदार है. बुधवार रात पिंकी ने परिजन के साथ सीईओ धारवे के नीमच में ऑफिसर कॉलोनी स्थित आवास में पहुंचकर हंगामा किया था. पुलिस भी मौके पर पहुंची थी. पिंकी और परिजन को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया था. सुबह पिंकी और तहसीलदार जगदीश अपने साथियों को लेकर धारवे के घर पहुंचे और अपहरण कर लिया. उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर इंदौर ले गए.’