नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया में पेरेंट्स को अपनी बेटी के शोषण का दोषी पाया गया है। वे उसे हमेशा पतला रखना चाहते थे। उनकी इच्छा यह भी थी कि बेटी कभी बड़ी ही ना हो। उसे हमेशा छोटी बच्ची की तरह ही देखने की मंशा थी। इसके लिए माता-पिता ने उसका खाना-पीना काफी कम कर दिया। उसकी डाइट भी बहुत सख्त रखी गई। दोषी पाया गया जोड़ा पर्थ शहर का रहने वाला है। उन्हें अपने बच्चे को पर्याप्त पोषण देने में विफल रहने दोषी करार दिया गया। लड़की जब 16 साल की हो गई तब भी उसका वजन केवल 27 किलोग्राम था।
रिपोर्ट के मुताबिक, भर पेट खाना नहीं मिलने से लड़की बहुत पतली हो गई थी। वह एक दिन बीमार पड़ी और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालत यहां तक जा पहुंची कि उसे फीडिंग ट्यूब पर रखना पड़ा। उसके पिता उसकी उम्र भी छिपाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बेटी के जन्म प्रमाणपत्र पर बर्थडे को बदलने की कोशिश की। वह 16 साल की हो गई थी, मगर उसके माता-पिता उसे प्रीस्कूल उम्र वाले बच्चों के कपड़े पहनाया करते थे। वे इस बात का पूरा प्रयास करते थे कि उनकी लड़की छोटी बच्ची की तरह दिखे।
घर पर ही होती रही पढ़ाई-लिखाई
दंपति को अपनी बेटी को भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक विकास मुहैया कराने में विफल रहने का भी दोषी पाया गया। लड़की को ज्यादातर घर पर ही रखा जाता था और वहीं उसकी पढ़ाई-लिखाई होती थी। एक तरह से उसे दुनिया से छिपाकर रखा गया। एक बार वह बीमार पड़ी तो उसे डॉक्टर देखने आए। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वह कितनी दुबली हो गई है। उन्होंने बच्ची को पर्याप्त भोजन देने की सलाह दी। इस मामले के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इंटरनेट यूजर्स ने लड़की के माता-पिता को जमकर लताड़ लगाई है।