राजस्थान के जालोर का रहने वाले एक शख्स दीपाराम ने दो शादियां की लेकिन दोनों से नाखुश रहा. आखिर दोनों बीवियों से छुटकारा पाने के लिए अपनी कार में उन्हें जिंदा जला डाला.
यह सनसनीखेज वारदात को आरोपी दीपाराम ने मंगलवार सुबह घर से महज 200 मीटर दूरी पर अंजाम दिया. लेकिन दुनिया के सामने इस दोहरे हत्याकांड पर पर्दा डालने के लिए पूरी वारदात को दुर्घटना साबित कर दिया. तमाम समाचार-पत्रों और सोशल मीडिया में आग का गोला बनी कार और उसमें दो
महिलाओं की मौत की खबर छपी लेकिन बुधवार को इन हत्याओं से पर्दा उठ गया.
पुलिस ने जांच में दीपाराम की बातों पर शक हुआ और गहनता से जांच में पूरी घटना संदिग्ध लगने लगी. हादसे में बेटे के साथ खुद बच निकलने वाले दीपाराम से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने जुर्म कबूल कर लिया. उसी ने दोनों पत्नियों को कार में बंद कर कार में आग लगा दी थी.
कार की जांच, मौके पर मौजूद चश्मदीद लोगों से बातचीत और आरोपी के बयान के आधार पर घटना पर संदेह हुआ.आरोपी पहले तो पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन सख्ती से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया.
— विकास शर्मा, एसपी, जालोर
पहली बीवी थी मंदबुद्धि तो दूसरी शादी की
जांच में सामने आया है कि जालोर के सेसावा गांव के रहने वाले दीपाराम पुत्र हेमाराम प्रजापत ने दो शादियां की थी और दोनों साथ ही रहती थी. पहली पत्नी मालूदेवी (28) को मंदबुद्धि बताया जाता था. इसी वजह से उसने बाड़मेर निवासी दरियादेवी (25) से दूसरी शादी की. पहली पत्नी से एक 7 साल को बेटा दिनेश है जबकि दूसरी पत्नी दरिया देवी से एक ढाई साल का बेटा और एक साल की बेटी है.
दूसरी पत्नी से भी था परेशान, दोनों को जिंदा जलाया
बताया जा रहा है कि दीपाराम की पहली पत्नी की दिमागी हालत सही नहीं थी. लेकिन दूसरी शादी के बाद दरिया देवी से भी दीपाराम की बात नहीं बनती थी. आपसी मनमुटाव के चलते दीपाराम दोनों से परेशान रहता था. इसी के चलते मंगलवार को डॉक्टर के पास जाने के बहाने दोनों बीच रास्ते कार में बंद कर कार को ही आग लगा दी.
वारदात के बाद यह सुनाई थी कहानी
आरोपी ने मंगलवार को पुलिस को दिए बयान में कहा था कि वह कार लेकर जा रहा था. सेसावा से दो किमी दूर एक पत्थर से टकराने के बाद कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और इससे कार में आग लग गई. वह कार से उतर कर महिलाओं को बचाने के लिए दरवाजा खालने लगा लेकिन सेंट्रल लॉक की वजह से दरवाजे नहीं खुले.