कटनी। सतना से कटनी जाने की बात कहकर लापता हुए लोको पायलट की हत्या के पीछे उसके बचपन के दोस्त ने पूरी साजिश रची थी। मृतक लोको पायलट छतरपुर के अच्छे परिवार से था, इसलिए उसके दोस्त ने अपहरण कराया।लोको पायलट ने रास्ते में कार से उतरकर भागने की कोशिश की, तो उसको गोली मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या का किसी को पता ना चले, इसलिए आरोपी ने पवई की घाटी में खाई में शव फेंक दिया। उसके बाद फरार हो गए थे।

लोको पायलट का अपहरण कर उसके बदले में परिवार से फिरौती के एक करोड़ रूपये वसूलने की साजिश थी। मामला कटनी पुलिस के हाथ लग गया और जांच में खुलासा होने के बाद अब केस डायरी व हिरासत में लिए गए आरोपितों को कोतवाली पुलिस सतना पुलिस को भेज रही है।

दोस्त के साथ कटनी के लिए निकला था जितेंद्र

मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने बताया कि गढ़ी मलेहरा छतरपुर निवासी जितेन्द्र चौरसिया पिता वीरेन्द्र चौरसिया 35 साल सतना में लोको पायलट था। वह अपने घर पर ही रह रहा था। उसके बचपन का दोस्त गढ़ी मलेहरा निवासी धर्मेन्द्र चौरसिया शनिवार को सतना पहुंचा था। जितेन्द्र शाम को कटनी जाने की बात कहकर घर से निकला था।

रात से उसका मोबाइल बंद हो गया। परिजन उसकी खोजबीन करते हुए कटनी पहुंचे। धर्मेन्द्र से संपर्क किया, तो उसने रात तीन बजे जितेन्द्र को कटनी स्टेशन में छोड़ने की बात कही।

शंका होने पर कोतवाली में किया संपर्क

परिजनों को धर्मेन्द्र की बातों को लेकर कुछ शंका हुई। उन्होंने शहर में खोजबीन की, लेकिन जानकारी नहीं लगी। उन्होंने कोतवाली पुलिस ने संपर्क कर जानकारी दी। कोतवाली थाना प्रभारी आशीष कुमार शर्मा ने मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के साथ गुमइंसान दर्ज कर जांच शुरू की। टीमों को जानकारी जुटाने में लगा दिया।

धर्मेन्द्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह अलग-अलग बातें बताता रहा। कभी लोको पायलट के छतरपुर में होने की बात कही, तो कभी जानकारी न होने की बात बताता रहा। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या करने की बात स्वीकार ली।

ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस

धर्मेन्द्र चौरसिया ने पुलिस को बताया कि जितेन्द्र का परिवार गांव गढ़ी मलेहरा का अच्छे पैसे वाला परिवार था। उसने पैसों के लिए साजिश रची थी। उसने छतरपुर क्षेत्र के दो बदमाश पवन प्रजापति व गुलाब सिंह को इस साजिश में शामिल किया।

साजिश के तहत धर्मेन्द्र ने दोनों को दो कट्टे भी उपलब्ध कराए। शनिवार को धर्मेन्द्र दोस्त जितेन्द्र को अपने साथ कटनी जाने की बात कहकर चारपहिया वाहन से लेकर आया। रास्ते में उसे शराब पिलाने के साथ उसमें नींद की गोली भी मिला दी।

योजना के तहत पवन व गुलाब रास्ते में अपहरणकर्ता बनकर कार में बैठ गए। तीनों उसको कार से लेकर रात को पवई होते हुए कटनी की तरफ आ रहे थे। इस बीच जितेन्द्र को होश आ गया। उसने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। उसने कहा कि तीनों ने मिलकर साजिश की है। इसकी जानकारी वह पुलिस को देकर सभी को जेल भिजवाएगा।

जितेन्द्र कार से उतरकर भागने लगा। पकड़े जाने के डर से धर्मेन्द्र ने कट्टा लेकर जितेन्द्र पर फायर कर दिया, तो गोली सीधे सिर में जाकर लगी। उसकी मौत हो गई। तीनों ने मिलकर उसका शव पवई के पास चांदा घाटी के पास चांद फाल की खाई में फेंक दिया और भाग गए।

छतरपुर से हिरासत में दो और आरोपी

हत्या की जानकारी लगने के बाद कोतवाली पुलिस ने पवई पुलिस से संपर्क किया। उनकी मदद से शव की खोजबीन की, तो मंगलवार को लोको पायलट का शव पुलिस को घाटी की खाई में मिला। शव को कब्जे में लेकर पवई पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया।

कोतवाली पुलिस ने लोको पायलट की हत्या में शामिल धर्मेन्द्र के दो अन्य साथी पवन व गुलाब को भी छतरपुर से हिरासत में लिया। पुलिस अधीक्षक रंजन ने बताया कि मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद अपहरण सतना से होने के चलते पूरा मामला सतना पुलिस को भेज रहे हैं।