भोपाल । त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप और ईशान ग्रुप के संचालकों और इनसे जुड़े ब्रोकर्स के 52 ठिकानों पर आयकर कार्रवाई शनिवार को चौथे दिन भी जारी रही। अभी तक की सर्चिग में 8 करोड़ रुपए नकद, ज्वेलरी बरामद की जा चुकी है। ये आंकड़ा बढ़ सकता है। जांच में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा और उसके करीबियों के यहां से कई शैल कंपनियों और करोड़ों की बेनामी संपत्ति का पता चला है। शैल कंपनियों के जरिये एक से दूसरी में लेन-देन किया गया है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक, जांच में दो दिन और लग सकते हैं।

इस बीच, चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आयकर के छापे में सहारा समूह के आम निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी के कागजात भी सामने आए हैं। सहारा समूह के जिम्मेदारों की मिलीभगत से भोपाल में 200 करोड़ से ज्यादा की 110 एकड़ जमीन मार्च 2022 में महज 50 करोड़ में बेच दी गई। सुप्रीम कोर्ट में 2014 में प्रस्तुत रिपोर्ट में इस जमीन की अनुमानित कीमत 125 करोड़ आंकी गई थी। प्रदेश की जिस कंपनी ने यह जमीन खरीदी है, उसका मालिकाना हक भाजपा विधायक के परिजनों के पास है। यह जमीन कोलार तहसील के मक्सी गांव में स्थित है। 11 मील बायपास स्थित इस बेशकीमती जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य 2 करोड़ एकड़ से भी ज्यादा है। हैरत की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन की संपत्तियों को बेचकर उसे प्राप्त राशि सेबी के खाते में जमा करने के आदेश दिए थे। सेबी के माध्यम से इस राशि को आम निवेशकों को लौटाया जाना था। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

राजेश शर्मा की प्रमुख भूमिका
भाजपा विधायकों की कंपनी सिनाप रियल एस्टेट ने। इस जमीन के रजिस्ट्री के लिए मयंक चौबे को अधिकृत किया था। सहारा समूह की ओर से संतोष कुमार जैन ने सारी रजिस्ट्रियां की। मयंक चौबे को पूर्व मंत्री संजय पाठक के करीबियों में गिना जाता है।

इनके नाम आए सामने
जांच में उजागर हुआ की सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का मालिकाना हक पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के परिजनों के पास है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक, कंपनी के 50% शेयर निर्मला पाठक (माता) और 50% शेयर यश पाठक (पुत्र) के पास है। इस कंपनी के प्रेफरेंशियल शेयर यूरो प्रतीक इस्पात लिमिटेड के पास हैं।

सहारा की मप्र में 1200 करोड़ की जमीन
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, देवास, कटनी में सहारा समूह की करीब 1200 करोड़ की जमीन थी। इसमें से भोपाल में 110 एकड़, देवास में 107, जबलपुर में 103, ग्वालियर में 161, इंदौर में 90 और कटनी में 99 एकड़ जमीन शामिल है। इनमें से कई संपत्तियां अब नीलम की जा चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, जबलपुर व कटनी की जमीन भी बाजार मूल्य के बजाय कलेक्टर गाइडलाइन पर नाइसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को बेची गई। ये कंपनियां भी सिनाप रियल एस्टेट से ही जुड़ी हैं।

बिल्डर्स के यहां 25 लॉकर मिले… इनमें से कुछ में सोने-चांदी के जेवर मिले
बिल्डर्स के यहां छापे में मिले 25 लॉकरों में से कुछ को खोला गया है। इनमें बड़ी संख्या में सोने-चांदी के जेवर मिले हैं। इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। आयकर की इसी कार्रवाई के दौरान डीएम इंफ्रा के डायरेक्टर रूपम सेवानी ने बुधवार सुबह अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया था। डेटा रिकवर कराया जा रहा है।