भोपाल । हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति में निहित है। भारत की संस्कृति अनुपम है। इस संस्कृति में अन्याय के ऊपर न्याय और अधर्म के ऊपर धर्म के मूल्य संस्थापित हैं। राज्यपाल प्रो. सोलंकी आज यहाँ मानस भवन में वर्ष 2015 एवं 2016 के अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक पुरस्कारों से रचनाकारों को अलंकृत कर रहे थे। राज्यपाल श्री सोलंकी ने इस अवसर पर ‘समारोह चित्रावली” का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल ने संस्कृति विभाग को इस प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन के लिये बधाई दी। संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

वर्ष 2015 के लिये अलंकृत रचनाकार

अखिल भारतीय पुरस्कार से रचनाकार डॉ. लहरी सिंह (सीधी) को पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार (निबंध), सुश्री सुषमा मुनीन्द्र (सतना) गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार (कहानी) डॉ. हरि जोशी (भोपाल) वीरसिंह देव पुरस्कार (उपन्यास), डॉ. साधना बलवटे (भोपाल) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (आलोचना) एवं डॉ. विद्या बिन्दु सिंह (लखनऊ) पं. भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार (कविता) से सम्मानित किया गया।

प्रादेशिक पुरस्कार से श्री मलय जैन (भोपाल) को पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार (उपन्यास), श्री चन्द्रभान राही (भोपाल) सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार (कहानी), डॉ. वीणा सिन्हा (भोपाल) श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार (कविता), डॉ.कृष्ण गोपाल मिश्र (होशंगाबाद) आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी पुरस्कार (आलोचना), श्री शांतिलाल जैन (भोपाल) राजेन्द्र अनुराग पुरस्कार (व्यंग्य, ललित निबंधन, डायरी, संस्मरण आदि), सुश्री मधु शुक्ला (भोपाल) दुष्यन्त कुमार पुरस्कार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति) एवं श्री नरेन्द्र श्रीवास्तव (गाडरवारा) को जहूर बख्श पुरस्कार (बाल साहित्य) अलंकृत किये गये।

वर्ष 2016 के लिये अलंकृत रचनाकार

अखिल भारतीय पुरस्कार से रचनाकार डॉ. सुरेश मिश्र (भोपाल) को पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार (निबंध), डॉ. अमिता दुबे (लखनऊ) गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार (कहानी), श्री गुणसागर सत्यार्थी (टीकमगढ़) वीरसिंह देव पुरस्कार (उपन्यास), श्री भगवंतराव दुबे (जयपुर) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (आलोचना) एवं श्रीमती अनीता सक्सेना (भोपाल) को पं. भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार (कविता) से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2016 के प्रादेशिक पुरस्कार से सम्मानित रचनाकार हैं:- श्री जगदीश जोशीला (खरगौन) को पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार (उपन्यास), डॉ. अनीता सिंह चौहान, भोपाल सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार (कहानी), श्री संत कुमार मालवीय ‘संत’ (भोपाल) श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार (कविता), डॉ. बहादुर सिंह परमार (छतरपुर) आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी पुरस्कार (आलोचना), डॉ. पुरुषोत्तम चक्रवर्ती (भोपाल) हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार (नाटक), श्री विजयमोहन तिवारी (भोपाल) राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार (व्यंग्य, ललित निबंध, डायरी, संस्मरण आदि), श्रीमती शीला मिश्रा (भोपाल) दुष्यन्त कुमार पुरस्कार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति), श्री देवेन्द्र सिह ‘दाऊ’ (भिण्ड) ईसुरी पुरस्कार (लोक भाषा विषयक) एवं डॉ. कैलाश गुप्ता ‘सुमन’ (मुरैना) को जहूर बख्श पुरस्कार (बाल साहित्य) से नवाजा गया।

वर्ष 2017 से पुरस्कार राशि में वृद्धि

संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने इस अवसर पर घोषणा की कि वर्ष 2017 से मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के अखिल भारतीय पुरस्कार में दी जाने वाली राशि 51 हजार के स्थान पर एक लाख रुपये और प्रादेशिक पुरस्कार में दी जाने वाली 31 हजार के स्थान पर 51 हजार रुपये होगी। साथ ही संस्कृति विभाग द्वारा लोकभाषा के 6 पुरस्कार स्थापित करने की घोषणा भी की गई।

प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि देश में मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ विभिन्न प्रकार के सर्वाधिक 81 पुरस्कार दिये जाते हैं। श्री श्रीवास्तव ने पुरस्कारों की संख्या और कार्यक्षेत्र को और बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

अलंकरण समारोह के प्रारंभ में म.प्र. साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने अकादमी के क्रिया-कलापों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संस्कृति संचालक श्री अक्षय कुमार सिंह तथा बड़ी संख्या में कला-प्रेमी और साहित्यकार मौजूद थे।

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