छत्तीसगढ़ के कोरिया में ब्रेड बेचने वाले 7वीं कक्षा के बालक की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। गांव के ही युवक ने नाबालिग साथी के साथ मिलकर छात्र की हत्या कर दी थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो अपनी प्रेमिका के साथ मिल रहा था। इसी दौरान ब्रेड बेचने जा रहे नाबालिग छात्र ने उसे देख लिया था। बालक बार-बार उसे धमकी दे रहा था कि वो उसके घर में बता देगा। इस बात से डरे आरोपी ने गांव के ही एक नाबालिग के सहयोग से छात्र को जंगल में बुलवाया और फिर यहां पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस में पकड़े जाने के डर से हत्या में शामिल नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एसपी सूरज सिंह परिहार ने आज इस पूरे मामले का खुलासा कर इसकी जानकारी मीडिया को दी।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल 13 वर्षीय 7वीं कक्षा का छात्र चार दिन पहले ब्रेड बेचने के लिए घर से निकला था, आखिरी बार चम्पाझर के जंगल के पास की जगह में देखा गया था। बच्चे के लापता होने की सूचना परिजनों ने पटना थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के दौरान बच्चे का कुछ सामान चम्पाझर जंगल के पास की जगह से बरामद किया था।

इस सम्बन्ध में कोरिया पुलिस द्वारा लगातार पता तलाशी की जा रही थी। साथ ही टीम संभावित क्षेत्रो में गांव वालों की मदद से भी तलाश कर रही थी। इसके अलावा फॉरेंसिक एक्सपर्ट, साइबर एक्सपर्ट और डॉग स्काउट भी काम कर रहे थी।

पुलिस पूछताछ के बाद एक बालक ने की आत्महत्या
इस मामले में पुलिस 22 नवंबर को गांव के ही दो छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद दोनों छात्रों को छोड़ दिया गया था। पूछताछ के बाद 14 वर्षीय छात्र परमेश्वर सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस पूछताछ के बाद से ही बालक एकदम सहम गया था। घर आने के बाद बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया।

इस बीच पुलिस को पता चला कि आत्महत्या करने वाले बच्चे के साथ ग्राम चम्पाझर का युवक महेश प्रजापति रहता था। साथ ही पता चला कि घटना वाले दिन भी दोनों साथ में थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर महेश कुमार प्रजापति को हिरासत में लिया और उससे कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में महेश ज्यादा देर पुलिस को गुमराह नहीं कर पाया और उसने 7वीं कक्षा के छात्र की हत्या करने की बात कबूल की।

आरोपी ने बताया कि 13 वर्षीय 7 वीं कक्षा के छात्र ने उसे उसकी प्रेमिका के साथ जंगल में मिलते हुये देख लिया था। बालक बार-बार उसके परिजनों को बता देने की धमकी दे रहा था। उसने उसे ऐसा करने के लिए मना भी किया, लेकिन बालक नहीं माना। परिजनों को बता देने की बात से वो एकदम से डर गया था और उसने बालक को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई। महेश ने इस योजना में अपने साथ गांव के ही नाबालिग बालक को शामिल किया। नाबालिग ने ही 13 वर्षीय बालक को अपने साथ चम्पाझर के जंगल लाया था। यहां पर पहले से महेश प्रजापति मौजूद था। दोनों ने बालक को समझाया कि किसी को मत बताना, लेकिन बालक बताने की जिद्द करता रहा।

इस बात पर दोनों को गुस्सा आ गया और आरोपी महेश प्रजापति वहीं पर रखे पत्थर से उसके सिर पर मार दिया, जिससे उसके सिर से खून निकलने लगा। इसके बाद आरोपी ने अपने साथ लाये चाकू से गर्दन में वार कर उसकी हत्या कर दिया। घटना के बाद मृतक के जैकेट और इनर को वहीं गडढे में फेकरकर, सायकिल को झाडी में छुपाकर अपने घर आ गए। अगले दिन उसकी सायकिल को झाडियों से निकालकर खण्डहर घर में छिपा दिये थे।

उक्त आरोपी महेश प्रजापति से परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिलने व उसके अन्य मित्रों के कथन के आधार पर घटना के संबंध में बारिकी से पूछताछ किया गया। जिस पर उसने बताया कि उसका महिला मित्र के साथ गले मिलते हुए मृतक ने देख लिया था, और बार-बार उसके घर में बताने के लिए बोल रहा था जिसके डर से उसने मृतक बालक को समझाने का प्रयास किया पर वह नहीं मान रहा था। इसलिए उसकी हत्या कर दी है। आरोपी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कर उसे न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा जा रहा है।