बुरहानपुर। लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने सोमवार दोपहर तहसीलदार राम पगारे के कार्यालय में छापा मार कर रीडर अशोक कुशवाहा को 3500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद रीडर को सर्किट हाउस ले जाया गया। जहां कागजी कार्रवाई पूरी की गई।

लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि सिलमपुरा निवासी रोहित सिंह वर्मा ने एसपी लोकायुक्त को रीडर द्वारा दो प्लाटों के नामांतरण के लिए पांच हजार रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। ये प्लाट मेक्रो विजन स्कूल के पास आनंद नगर में खरीदे गए थे। शिकायत की पुष्टि के बाद सोमवार को जैसे ही रोहित वर्मा ने रीडर को 35 सौ रुपये दिए टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले वे एक हजार रुपये दे चुके थे।

लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि तहसीलदार कार्यालय में लंबे समय से रिश्वत का खेल चल रहा था। रीडर ने प्रत्येक नामांतरण के लिए तीन हजार रुपये तय कर रखे थे। बिना राशि दिए नामांतरण की फाइल आगे नहीं बढ़ती थी। डीएसपी लोकायुक्त ने बताया कि आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में यदि अन्य किसी की संलिप्तता सामने आती है तो उसे भी सह आरोपित बनाया जाएगा।

बहन के नाम से लिए थे दो प्लॉट


फरियादी रोहित वर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन के नाम से दो प्लॉट लिए थे। इनके नामांतरण के लिए करीब तीन महीने पहले उन्होंने आवेदन दिया था। इस दौरान रीडर टालमटोल करते रहे। रविवार को उन्हें फोन लगाकर कहा कि आपने यहां प्लॉट लिए हैं, वहां के 2500 रुपये प्रति प्लॉट का रेट है, यह आपको देना होंगे।

इसके बाद फरियादी ने रीडर से कहा कि यह बहुत ज्यादा हैं, कम हो सकते हो बताइये। बाद में रीडर ने साढ़े चार हजार रुपये देने की बात कही। फरियादी ने बताया कि वो पहले ही रीडर को एक हजार रुपये दे चुका था। इसके बाद उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी और आज उन्हें 3500 रुपये की दूसरी किश्त दी थी।