भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने रायगढ़ा और बोलांगीर जिलों में गरीबी के कारण 2 बच्चों को कथित तौर पर बेचे जाने की घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं। रायगढ़ा जिले में एक घटना सामने आई है, जिसमें एक गरीब दम्पति ने अपनी 9 दिन की बेटी को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के एक दम्पति को 20,000 रुपए में बेच दिया। एक अधिकारी ने बताया कि कुमुद गंटा (22) और उनके पति राहुल धनबेड़ा (25) रायगड़ा के चंदिली पुलिस थाना सीमा के अंतर्गत नुआपाड़ा कॉलोनी के निवासी हैं और उनकी 3 साल की बेटी और एक नवजात शिशु जिला मुख्यालय अस्पताल में हैं। राहुल किसी ट्रक पर खलासी के तौर पर काम करता है और उसकी मासिक आय सिर्फ 1500 रुपए है। रिपोर्ट के मुताबिक एक मध्यस्थ ने लेन-देन में दंपति की मदद की। सूत्रों ने बताया कि बच्चे को कथित तौर पर 11 नवंबर को आंध्र प्रदेश के पार्वतीपुरम मन्यम जिले के पेदापेनकी गांव के एक दंपति को बेचा गया था।

जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के सदस्य निराकार पाढ़ी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बच्चे को स्टाम्प पेपर पर हुए समझौते के जरिए आंध्र के दंपति को दिया गया था। उन्होंने कहा, हालांकि मूल माता-पिता ने कोई भी पैसा मिलने से इन्कार किया है, लेकिन हमारी जांच में 20,000 रुपए के लेन-देन का पता चला है। इसी तरह का एक मामला बोलांगीर जिले के खपराखोल ब्लॉक से सामने आया, जहां एक दम्पति ने कथित तौर पर अपनी नवजात बेटी को अज्ञात व्यक्तियों को उपहार में दे दिया। इसका कारण यह था कि वे अत्यधिक गरीबी के कारण उसका पालन-पोषण करने में असमर्थ थे। उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव (जो बोलांगीर से हैं) ने संगुरजीभाटा गांव में नवजात शिशु की कथित बिक्री की जांच के आदेश दिए हैं। सिंह देव ने मंगलवार को बच्चे की मां अरुणाबाती नाग से मुलाकात की।