उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार देर रात लगी भीषण आग में कम से कम 10 नवजात शिशुओं की जलने और दम घुटने से मौत हो गई। शनिवार सुबह झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे थे, जिसकी क्षमता केवल 18 बिस्तरों की है।

उन्होंने कहा कि सात बच्चों के शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि तीन की पहचान नहीं हो पाई है। बृजेश पाठक ने कहा कि उनकी पहचान करने और उनके परिजनों तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं। पाठक ने कहा कि आग में घायल हुए 17 अन्य बच्चों का वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विंग और विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से सात को निजी सुविधाओं में भर्ती कराया गया है।

कानपुर जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह ने पहले कहा था कि घटना के समय वार्ड में 47 शिशु भर्ती थे, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 37 को बचा लिया गया।

इस त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मंडल आयुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक झांसी को घटना की जांच करने का आदेश दिया है। अधिकारियों को 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

“झांसी जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में हुई दुर्घटना में बच्चों की मौत अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं।” उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।