ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के गोहद से कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में आरोपी सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य की गिरफ्तारी का जिम्मा भिण्ड जिले के गोहद के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) प्रवीण अष्ठाना को दिया गया है। हत्याकांड की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने 5 दिसंबर को मंत्री लाल सिंह आर्य का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। न्यायालय का आदेश है गिरफ्तारी वारंट की तामील पुलिस अधीक्षक स्वयं कराएं या एसडीओपी रैंक के अधिकारी से कराएं। इससे वारंट तामील की जिम्मेदारी गोहद एसडीओपी प्रवीण अष्ठाना को दी गई है। वहीं हत्याकांड के चश्मदीद गवाह सूर्यभान गुर्जर की ओर से न्यायालय में दिए आवेदन पर विशेष लोक अभियोजक सबल सिंह भदौरिया आज जवाब पेश करेंगे।
13 अप्रैल 2009 की रात्रि को भिण्ड जिले के गोहद के छरेंटा गांव में कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में भिण्ड के विशेष न्यायालय ने 24 अगस्त 2017 को सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाया। साथ ही न्यायालय में पेश होने के लिए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया, लेकिन मंत्री लाल सिंह आर्य न्यायालय में पेश नहीं हुए। पुलिस भी 5 बार मंत्री का वारंट तामील नहीं करा पाई। 5 दिसंबर को पुलिस की ओर से यह कहते हुए छठवीं बार वारंट वापस किया गया कि मंत्री लाल सिंह आर्य ने वारंट लेने से मना किया है। उनका कहना है कि न्यायालय में उनका डिसीजन पेंडिंग है। पुलिस की ओर से मिली इस रिपोर्ट के बाद विशेष न्यायालय ने मंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और पुलिस अधीक्षक को लिखा कि गिरफ्तारी वारंट को स्वयं तामील कराएं या एसडीओपी रैंक के अधिकारी से तामील कराएं। न्यायालय के इस आदेश पर गिरफ्तारी वारंट तामील का जिम्मा गोहद एसडीओपी प्रवीण अष्ठाना को दिया है। न्यायालय ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर तय की है।
माखन हत्याकांड में चश्मदीद गवाह सूर्यभान गुर्जर ने 5 दिसंबर को वकील रामप्रताप कुशवाह के माध्यम से विशेष न्यायालय में आवेदन दिया था, जिसमें कहा गया कि मंत्री आर्य के लोगों द्वारा बयान बदलने के लिए समझाने और प्रलोभित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस आवेदक पर न्यायालय ने विशेष लोक अभियोजक सबल सिंह भदौरिया से जवाब मांगा है।
भिण्ड के विशेष न्यायालय ने 5 दिसंबर को हुई सुनवाई के बाद माखनलाल जाटव हत्याकांड में पुलिस के अंवेषण अधिकारी रहे डीएसपी आरएस रूहल और सीबीआई के अंवेषण अधिकारी रहे बी केरकटा को अभियोजन में साक्ष्य के लिए 19 दिसंबर को तलब किया है। सीबीआई अधिकारी के लिए समन जारी किया है, जबकि डीएसपी आरएस रूहल के लिए 1 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया गया है।
भिण्ड जिले के गोहद के अनुविभागीय अधिकारी प्रवीण अष्ठाना ने बताया कि उन्हें कल 7 दिसंबर को प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य का गिरफ्तारी वारंट मिला है। वारंट को तामील कराएंगे। अगर वे गोहद आएंगे तो गोहद में तामील कराएंगे। इसके अलावा अगर मंत्री ग्वालियर आते हैं तो वहां पर वारंट को तामील कराएंगे।
भिण्ड जिले के गोहद के एक दर्जन के करीबन वकीलों ने प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य को मंत्री पद से इस्तीफा लेने के लिए राज्यपाल के नाम गोहद के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) डॉ. मोहम्मद युनूस कुरैशी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि गोहद विधानसभा के कांगे्रस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के आरोप में विशेष न्यायालय भिण्ड ने वर्तमान विधायक व मप्र शासन के मंत्री लालसिंह आर्य को पर्याप्त साक्ष्य के आधार अरोपी बनाया है। न्यायालय ने मंत्री के खिलाफ 6 बार जमानती और 5 दिसंबर 2017 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। ऐसे में लालसिंह आर्य का मंत्री पद पर रहना असंवैधानिक है। क्योंकि न्यायालय के आदेश का पालन पुलिस को करना है। लेकिन मंत्री पद पर रहते हुए लालसिंह आर्य को गिरफ्तार करना संभव नहीं है। वह मंत्री पद पर रहते हुए मामले से जुड़े साक्षयों को प्रभावित करेंगे। ऐसे में लालसिंह आर्य से मंत्री पद का इस्तीफा लेकर उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट अजयसिंह भदौरिया, गंभीरसिंह, डीआर बंसल सहित अन्य एडवोकेट उपस्थित थे।

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