भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रसव के दौरान के दौरान होने वाली जच्चा-बच्चा की मौतों पर कंट्रोल करने के लिए बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. अब महिलाओं में पहले से ही हाई रिस्क प्रेगनेंसी का पता लगाकर उचित चिकित्सकीय संस्थान भेजा जाएगा. यह फैसला प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत के मामलों से निपटने को लेकर लिया गया है.

सरकार ने कहा कि उचित चिकित्सकीय संस्थान एक बार में भेजकर सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कराया जाएगा. रिस्पांस टाइम को कम करने, संसाधनों के उचित प्रबंधन और ट्रांसपैरेंसी के लिए आधुनिक तकनीकी का उपयोग किया जाएगा, जिससे एम्बुलेंस सेवा का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. कई बार देखने में आया है कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के चलते जच्चा बच्चा की जान पर खतरा बन जाता है.

इधर, भोपाल में गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव और नवजात शिशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘ई-साथी’ प्रोग्राम चलाया जा रहा है. यह कार्यक्रम के तहत पॉपुलेशन काउंसिल कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा कटजू अस्पताल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और अगले सप्ताह हमीदिया अस्पताल में भी इसे लॉन्च किया जा सकता है.

इस कार्यक्रम केतहत गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर उनकी प्रेग्नेंसी से जुड़ी काउंसलिंग की जा रही है. इसके जरिए उन्हें सुरक्षित प्रसव, उचित देखभाल और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य संबंधी सुझाव दिए जा रहे हैं. ‘ई-साक्षी’ प्रोग्राम के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं को सही दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं और उनके प्रसव और शिशु की सुरक्षा पर पूरी तरह ध्यान दिया जाए.