सागर । बुंदेलखंड मेडिकल कालेज की कैंटीन के बाथरूम में दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को अदालत ने दस  साल की सजा सुनाई है। प्रकरण की सुनवाई सत्र न्यायाधीश एमके शर्मा की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी जितेंद्र पिता बाबूलाल पाल को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और छह हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

मामले में पैरवी कर रहे लोक अभियोजक रामअवतार तिवारी ने बताया कि घटना के एक माह पूर्व पीड़िता का भाई बीएमसी सागर में इलाज के लिए भर्ती हुआ था। उस समय आरोपी जितेन्द्र पिता बाबूलाल पाल उम्र 22 साल निवासी ग्राम बदौआ बीएमसी में खाना बांटने आता था। जिस कारण पीड़िता की आरोपी से जान-पहचान हो गई थी। उनकी मोबाइल से बातचीत होने लगी थी। 11 जनवरी 2022 की सुबह पीड़िता अपने घर से बिना बताए आरोपी से मिलने मेडिकल कालेज गई थी। 

तब आरोपी ने उसे रात में मिलने के लिए बुलाया था। रात के समय पीड़िता के वहां पहुंचने पर आरोपी ने कैंटीन के दरवाजे बंद कर लिए और रात करीब 11 बजे उसे बाथरूम ले गया। जहां आरोपी ने उसके साथ जबरन गलत काम किया। पीड़िता चिल्लाई। लेकिन वहां पर कोई नहीं था। आरोपी ने रात में उसे वहीं पर बंद रखा और दूसरे दिन सुबह 7 बजे बाहर छोड़ दिया और घर जाने के लिए कहा। पीड़िता ने घर पहुंचकर अपनी मां को घटना के बारे में बताया और मां के साथ थाना गोपालगंज पहुंचकर शिकायत की। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी जितेंद्र पाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच पूरी होने पर कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने मामले से जुड़े साक्ष्य और दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। साक्षियों की गवाही कराई। न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए डीएनए रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया और सजा सुनाई है।