रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम के निजी विद्यालय में पांच वर्षीय बालिका के साथ यौन शौषण का मामला सामने आने के बाद सोमवार सुबह बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंचे। यहां अभिभावकों ने बच्चे-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर हंगामा किया और धरना दिया। सूचना पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और अभिभावकों से चर्चा कर मामले को शांत करवाया। इसके बाद स्कूल को सील कर दिया गया।

रतलाम के औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान में पांच वर्षीय बालिका के साथ स्कूल के ही कर्मचारी के बेटे द्वारा यौन शौषण का मामला सामने आने के बाद सोमवार सुबह परिजनों के साथ बड़ी संख्या में अन्य अभिभावक भी स्कूल पहुंचे। यहां स्कूल प्रबंधन से बच्चे बच्चियों की सुरक्षा को लेकर परिजनों ने सवाल जवाब किए, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा संतुष्टिपूर्वक जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद परिजनों और अभिभावकों का आक्रोश बढ़ गया। यहां अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया और सड़क पर धरने पर बैठ गए।

हंगामे की सूचना मिलते ही सूचना पर एसडीएम अनिल भाना, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, सीएसपी अभिनव वारंगे, आईए थाना प्रभारी वीडी जोशी बल के साथ मौके पर पहुंचे। यहां अभिभावकों से चर्चा की, लेकिन अभिभावक स्कूल डायरेक्टर राकेश देसाई, प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर व क्लास टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस बीच कुछ पेरेंट्स स्कूल ऑफिस में घुस गए। यहां मौजूद स्कूल डायरेक्टर राकेश देसाई, प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर को घेर लिया। पेरेंट्स पूछने लगे कि बच्चियां स्कूल आएंगी, तो स्कूल में क्या सुरक्षा दी जाएगी? आप गारंटी लेते हो? स्कूल में ऊपरी मंजिल पर सीसीटीवी क्यों नहीं है।

पेरेंट्स का कहना था कि पूरे स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। हमें भी उसकी आईडी दी जाए, ताकि हम बच्चों को देख सकें। स्कूल प्रिंसिपल को कुर्सी पर खड़े होकर पेरेंट्स को समझाना पड़ा, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। मामला बढ़ता देख अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी राकेश खाखा भी मौके पर पहुंचे और गुस्साए परिजनों को आश्वासन दिया कि आप थाने आकर लिखित में शिकायत दीजिए, कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों ने आश्वस्त किया है घटना में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने कहा कि घटना को लेकर आक्रोश था। पेरेंट्स का कहना था कि जब तक सुरक्षा के इंतजाम ना हों, स्कूल बंद रखा जाए। अभी ताला लगाया है। जब तक सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होंगे, तब तक स्कूल शुरू नहीं होगा।