दतिया। अंचल में हो लगातार हो रही बारिश से राजगढ़ किले की दीवार ढह गई। दीवार ढहने से 9 लोग दब गए। आसपास के लोगों ने 2 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने दो शवों को निकाला है। अन्य लोगों को निकालने का प्रयास रेस्क्यू टीम कर रही है।लोगों ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 3 बजे बहुत तेज आवाज आई। बाहर निकले तो देखा तो किले की दीवार गिर गई है। हमने दो लोगों को तत्काल बाहर निकला और पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। मौके पर कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन करना शुरू कर दिया।
मौके पर मौजूद लोगों ने रेस्क्यू की गति धीमी होने का आरोप लगाकर सुबह करीब 8 बजे हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि मलबा हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। सुबह 4 बजे से मलबा हटाया रहा है, लेकिन रेस्क्यू टीम एक भी आदमी को बाहर नहीं निकाल पाई है। मलबे की चपेट में निरंजन बंशकार और उसकी बहन का परिवार आया है। अंदेशा जताया जा रहा है कि बीते 30 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते किले की दीवार कमजोर हो गई थी।
लगातार तेज बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक मकान ढह गए। इस दौरान इंदरगढ़ के वार्ड क्रमांक 10 में करीब बारह कच्चे मकान गिर जाने से वहां के परिवारों को तहसीलदार शिल्पा सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्कूलों में शिफ्ट कराया। इन परिवारों में स्कूलों में ही रात गुजारी। ग्राम छेंकुरी में भी बिजली गिरने से नरेश बघेल पुत्र जगराम बघेल का मकान ढह गया।
जिससे वहां पास ही रखा ट्रैक्टर, बाइक और मकान में रखा खाने पीने का सामान नष्ट हो गया। गनीमत रही कि परिवार के लोग बाल बाल बच गए। वहीं ग्राम पैंता में लक्ष्मीनारायण पुत्र हल्के दांगी का मकान की छत ढह गई। जिससे घर के बर्तन, अनाज आदि दब गए। बारिश से निर्मल केवट पैंता, चेतराम अहिरवार निवासी बीकर एवं राजू सेन सड़वारा के भी कच्चे मकान ढह गए।